कला व संगीत की पवित्रता का नाम था लता मंगेशकर – शीतल टण्डन
- जिला व्यापार मण्डल द्वारा विश्व की सर्वश्रेष्ठ गायिका को श्रद्धाजंलि
सहारनपुर [24CN]। उ.प्र. उद्योग व्यापार मण्डल की स्थानीय रेलवे रोड पर प्रमुख पदाधिकारियों की एक आकस्मिक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भारत रत्न स्वर साम्राज्ञी, सुर साधिका सरस्वती की वरद् पुत्री कोकिल कंठी लता मंगेशकर के निधन पर व्यापारियों द्वारा गहरा शोक प्रकट करते हुए उनको भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गयी।
इस अवसर पर संगीत व कला प्रेमी जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन से भारतीय संगीत और कला को अपूरर्णीय क्षति हुई है। शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ ही नहीं बल्कि विश्व के लिए भी लता जी का गायन सबको विस्मित कर देने वाला है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का एक-एक गीत एक कलाकृति होता था तथा स्वर, लय और सुर लहरियों से भरा होता था और कला व संगीत की पवित्रता का नाम था लता मंगेशकर। उनके द्वारा 1000 फिल्मों के गानों के साथ-साथ गैर फिल्मी, गजल, भजन, शास्त्रीय संगीत के तीस हजार से अधिक गाने 36 भाषाओं में गाये गये और आदित्य बिरला पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड के साथ महाराष्ट्र भूषण अवार्ड और 13 वर्ष की आयु में गायन शुरू करने के साथ-साथ लगातार 70 वर्ष तक उन्होंने लगातार सुरमयी गीत गाये। लता जी का सबसे लोकप्रिय व देशभक्ति का गीत कवि प्रदीप द्वारा रचित ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानीÓ गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्व. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समक्ष प्रस्तुत किया था तो नेहरू जी अपनी आंखों के आंसू नहीं रोक पाये थे। श्री टण्डन ने कहा कि लता जी ने 1942 से लेकर 2019 तक हिन्दी फिल्म जगत के लगभग सभी संगीतकारों व पाश्र्व गायकों के साथ भी गीत गाये और लता जी द्वारा गाये गये बेहद लोकप्रिय गानों के कारण कई फिल्मे सुपरहिट हुईं। उन्होंने प्रेम, विरह, मिलन, भक्ति, देशभक्ति या फिर जीवन का कोई भी भाव रहा हो अपने गायन में उसके साथ भरपूर न्याय किया।
श्री टण्डन ने कहा कि बचपन से संगीत में रूचि होने के कारण उनके पाश्र्व लता मंगेशकर के गाये फिल्मी, गैर फिल्मी गीतों का संकलन है और लता जी का संगीत सुनना उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है। ऐसी महान कलाकार के जाने से सभी देशवासी स्तब्ध हैं और लता जी को देशवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुम्बई पहुंचकर उनको श्रद्धाजंलि देना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है। बैठक में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा, जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मेजर एस.के.सूरी, रमेश डावर, पवन गोयल, संदीप सिंघल, कर्नल संजय मिड्ढा, गुलशन नागपाल व अनिल गर्ग, मुरली खन्ना, संजीव सचदेवा, अशोक चावला, अभिषेक भाटिया, रवि टण्डन, अशोक मलिक, विक्रम कपूर आदि मौजूद रहे।