मदरसा संचालक की हत्या, पहले पीटा फिर जलाया, बोरे में बंद कर नदी में फेंका शव, मर्डर के पीछे बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में चंदे की रकम लूटने के लिए मदरसा संचालक की हत्या कर दी गई। मदरसा संचालक एक सप्ताह पूर्व लापता हुआ था। मदरसे के दो शिक्षक सहित तीन लोगों ने हत्या करने के बाद जलाया और शव को बोरे में बंद कर यमुना नदी में बहा दिया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा किया है।

बृहस्पतिवार को एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि 21 अप्रैल को गांव मवी काकौर स्थित मदरसा के अध्यापक अब्दुल्लाह ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि 16 अप्रैल को सुबह मदरसा संचालक 35 वर्षीय मुफ्ती सूफियान बाइक से कैराना गए थे। इसके बाद वापस नहीं लौटै। जांच के लिए सीओ कैराना प्रदीप कुमार और कोतवाल यशपाल धामा के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई। सर्विलांस टीम को भी लगाया गया। बृहस्पतिवार सुबह मुफ्ती सूफियान के पिता हबीबुर्रहमान निवासी सहारनपुर ने तहरीर देकर मदरसे के चंदे के रुपये लूटने के लिए मदरसे में रहने वाले लोगों पर हत्या करने का शक जताया।

पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कराने वाले मदरसा अध्यापक अब्दुल्लाह निवासी कांधला, उसके बहनोई वाजिद निवासी ईदगाह कैराना और मदरसा अध्यापक तौसीफ निवासी गांव खुजनावर थाना फतेहपुर जिला सहारनपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आरोपियों ने खुलासा किया कि 15 अप्रैल की रात तीनों ने चंदे के रुपये लूटने के लिए मुफ्ती सूफियान को चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया। फिर ईंट से कुचलकर हत्या कर दी और कमरे में ही पेट्रोल डालकर शव को जला दिया। अधजले शव को बोरे में लेकर मुफ्ती की बाइक से ही यमुना नदी में डाल दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर गोताखोरों की मदद से यमुना से अधजला शव बरामद कर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

लूटी गई भारतीय और विदेशी करेंसी सामान
एसपी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से लूटे गए 1.40 लाख रुपये बरामद हुए, जिनमें 90 हजार विदेशी और 50 हजार भारतीय करेंसी है। विदेशी करेंसी में यूएई, सिंगापुर, मलेशिया और अमेरिकी डॉलर है। इसके अलावा मृतक का मोबाइल, बाइक और पासपोर्ट बरामद किया है।

ऐसे हुआ आरोपियों पर शक
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि मदरसा संचालक के परिजन सहारनपुर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह तो लॉकडाउन की वजह से नहीं आ सके लेकिन उनके कई बार कहने के बाद भी मदरसे का शिक्षक अब्दुल्लाह थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने नहीं जा रहा था। बाद में दबाव बनाने पर 21 अप्रैल को गुमशुदगी दर्ज कराई। परिजनों की इसी जानकारी के बाद पुलिस को अब्दुल्लाह और अन्य पर शक हुआ। सर्विलांस की मदद ली गई, सख्ती से पूछताछ की तो आरोपियों ने सब उगल दिया।

अब्दुल्लाह है मास्टरमाइंड
एसपी के अनुसार वारदात का मास्टरमाइंड अब्दुल्लाह ही है। मदरसे में उसका दूसरे नंबर का ओहदा है। उसकी नजर मदरसे की चंदे की रकम पर थी। संचालक बाहर विदेश में भी जाता रहता था, उस पर विदेशी मुद्रा भी थी। अब्दुल्लाह को विदेश भी नहीं ले जाता था, इसका भी उसे गम था। ये तमाम वजह रही जो उसने इतना बड़ा कदम उठाया।

 


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