हलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अब भी फरार, कांग्रेस ने PM मोदी से पूछा सवाल

हलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अब भी फरार, कांग्रेस ने PM मोदी से पूछा सवाल

नई दिल्ली। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटक आतंकियों का निशाना बने थे। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया। हालांकि, हमले को अंजाम देने वाले मुख्य आतंकी अब भी गिरफ्त से बाहर हैं। यही मुद्दा अब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष द्वारा उठाया जा रहा है।

कांग्रेस का कटाक्ष: “क्या प्रधानमंत्री को पता है?”

प्रधानमंत्री मोदी के शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर दौरे से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा:

“प्रधानमंत्री कल जम्मू-कश्मीर में होंगे। निश्चित रूप से उन्हें यह जानकारी होगी कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के आरोपी अब भी न्याय से बच रहे हैं।”

जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि इन्हीं आतंकियों के नाम पहले दिसंबर 2023 में पुंछ और अक्टूबर 2024 में गगनगीर और गुलमर्ग में हुए हमलों से भी जुड़े हैं।

अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी

पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध ठिकाने पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन अब तक इन आतंकियों का कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।

प्रधानमंत्री का दौरा: विकास पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च रेलवे ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। साथ ही वे कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएमओ की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, इस दौरान प्रधानमंत्री ₹46,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

सवालों के घेरे में आतंक पर कार्रवाई

हालांकि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकी नेटवर्क को झटका जरूर दिया, लेकिन पहलगाम हमले के असल गुनहगारों का अब तक न पकड़ा जाना विपक्ष को हमलावर बना रहा है। कांग्रेस की ओर से यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या विकास परियोजनाएं आतंकवाद से लड़ाई में असली जवाब हैं या फिर जवाबदेही की जरूरत है?

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक रणनीति अब एक बार फिर चर्चा में है। पहलगाम हमला न केवल एक आतंकवादी घटना था, बल्कि यह भारत की सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर परीक्षा भी बन गया है। अब देश जानना चाहता है — वो आतंकवादी कब पकड़ में आएंगे?