श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया गुरू अरजन देव जी का शहीदी पर्व

श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया गुरू अरजन देव जी का शहीदी पर्व
  • गुरवाणी गायन करता रागी जत्था।

देवबंद [24CN]: शहीदों के सरताज पांचवे गुरू साहिब श्री गुरू अरजन देव जी का शहीदी पर्व श्रद्धा उत्साह से मनाया गया। रागी जत्थों ने गुरवाणी कीर्तन व इतिहास सुनाकर संगत को निहाल किया। संगत ने राहगीरों को ठंडा मीठा शरबत पिलाया।

गुरूद्वारा साहिब में संगत को सम्बोधित करते हुए हजूरी रागी गुरदयाल सिंह ने कहा कि गुरू अरजन देव जी का जन्म सन् 1563 को गोइंदवाल साहिब पंजाब में हुआ था। गुरू जी ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब का सम्पादन किया और विभिन्न धर्म, बिरादरियों के 36 महान वाणीकारों की वाणियां बिना किसी भेदभाव के संकलित की। गुरू जी की बढती हुई ख्याति व उनके द्वारा जहांगीर के बागी पुत्र खुसरो को आश्रय देने के बाद जहांगीर ने गुरू जी को बंदी बना लिया और यासा कानून के तहत उन्हें शहीद करने का आदेश दिया।

गुरू जी को गर्म तवे पर बैठाकर उनके शरीर पर गर्म रेत डाला गया। 30 मई 1606 ई. गुरू जी को शहीद कर दिया गया। शहीदी पर्व पर पिछले 40 दिनों से प्रतिदिन चल रही छबील व श्री सुखमणि साहिब के पाठों का समापन किया गया।  हजूरी रागी गुरदयाल सिंह, अमनदीप सिंह, परमजीत कौर, गणिव कौर ने गुरवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया। इस दौरान सेठ कुलदीप कुमार, चंद्रदीप सिंह, गुरजोत सिंह सेठी, बलदीप सिंह, अजय निझारा, वीरेंद्र सिंह उप्पल, हरविंदर सिंह बेदी, युवराज अरोड़ा, अमनदीप कपूर, राजपाल नारंग, सुमित सिंह उप्पल, दिनेश ऋषि, सचिन छाबड़ा, हन्नी कपूर आदि मौजूद थे।