IPL के मुख्य प्रायोजक अधिकार ट्रांसफर कर सकता है VIVO, ये दो कंपनियां हैं रेस में
नई दिल्ली । भारत और चीनी सैनिकों में गलवान घाटी में हुई हिसंक झड़प के बाद भारतीय लोगों के निशान पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भी आ गया था। ऐसे में बीसीसीआइ को चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो के साथ अपना करार स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि वीवो इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की मुख्य प्रयोजक थी। हालांकि, अब ये कंपनी अपने अधिकार को ट्रांसफर कर सकती है, जिसमें ड्रीम 11 और अनअकेडमी दौड़ में आगे मानी जा रही हैं ।
ड्रीम 11 आइपीएल 2020 का मुख्य प्रायोजक था, जिसने 220 करोड़ रुपये में अधिकार खरीदे थे। वीवो ने पांच साल के करार के लिए 440 करोड़ रुपये सालाना का करार किया था। समझा जाता है कि भारत और चीन के राजनीतिक संबंधों में तनाव के मद्देनजर वीवो का मानना है कि यह साझेदारी जारी रखना बुद्धिमानी का फैसला नहीं होगा। यही कारण है कि इस बार भी ड्रीम 11 या फिर अनअकेडमी को आइपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप मिल सकती है।
बोर्ड के एक सूत्र ने बताया, “यह लगभग तय है कि वीवो का आइपीएल के मुख्य प्रायोजक का करार आपसी सहमति से खत्म होने जा रहा है। इसे 2020 में निलंबित किया गया था। इसमें एक प्रविधान है कि वह अपना बकाया दायित्व नए प्रायोजक को दे सकता है। बोर्ड सैद्धांतिक रूप से तैयार हो जाए तो यह संभव है।” वीवो भी इस दुविधा से शायद निकलना ही पसंद करेगी।
आइपीएल 2022 में नौ या 10 टीमें होंगी और समझा जाता है कि नई बोली लगाने वाले को कम से कम तीन साल के मुख्य प्रायोजक अधिकार मिलेंगे। ऐसे में साफ है कि आइपीएल 2021 के बाद होने वाले आइपीएल से मुख्य प्रायोजक के लिए भी बोली लगेगी और तीन साल के लिए बीसीसीआइ अपने अधिकार सौंपेगी। आइपीएल के चौदहवें सीजन के लिए 18 फरवरी को नीलामी होनी है, जबकि अप्रैल में आइपीएल के शुरू होने के चांस हैं।