एक राज्य से दूसरे राज्य में ठिकाना बदलते रहे हत्यारे, चार दिनों तक पुलिस को कैसे चकमा देते रहे शूटर्स?

- पिछले हफ्ते जयपुर में हिंदू दक्षिणपंथी समूह श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (एसआरआरकेएस) के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में कथित तौर पर शामिल दो शूटरों को शनिवार देर रात चंडीगढ़ में गिरफ्तार किया गया। वहीं पुलिस से बचने में उनकी मदद करने वाले तीसरे व्यक्ति 23 वर्षीय उधम सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi Murder) की बीते मंगलवार उनके जयपुर आवास पर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या दी गई। इस मामले में अब तक दो शूटर्स और एक सहायता प्रदान करने वाले व्यक्ति को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। यह सभी देश से भागने के लिए चंडीगढ़ में पासपोर्ट का इंतजार कर रहे थे।
इस मामले में शामिल तीनों आरोपी में से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ शूटर्स थे जबकि तीसरा, उधम सिंह इन दोनों को सहायता प्रदान कर रहा था। उधम सिंह ही वह व्यक्ति है जो सभी को भागने में मदद कर रहा था। यह सभी आरोपी हत्या के बाद से ही एक राज्य से दूसरे राज्य में छिप रहे थे। आरोपी नितिन फौजी महेंद्रगढ़ निवासी हैं तो रोहित राठौड़, मकराना, राजस्थान का रहने वाला है और उधम सिंह, हिसार के रहने वाले हैं।
चंडीगढ़ से पकड़ा गया गोगामेड़ी का दोनों हत्यारा
मकराना के 24 वर्षीय आरोपी रोहित राठौड़ और हरियाणा के महेंद्रगढ़ के 26 वर्षीय नितिन फौजी को राजस्थान पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा किए गए संयुक्त अभियान के दौरान चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में एक शराब की दुकान से पकड़ा गया।
दिल्ली पुलिस की टीम ने शूटर्स पर रखी थी नजर
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि टीम उनके सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के उपयोग के माध्यम से उन पर नजर रख रही थी। उन्होंने आगे कहा कि फौजी और राठौड़ शूटर थे जिन्होंने सेना प्रमुख पर कम से कम 27 बार गोलियां चलाईं। जबकि उधम सिंह, फौजी के पुराने दोस्तों में से एक था जिसने हिसार में उनके लिए वाहन की व्यवस्था की और उन्हें भागने में मदद की। फौजी और राठौड़ गोगामेड़ी से मिलने के बहाने उसके घर में घुसे थे और कुछ मिनट बात करने के बाद उन्होंने गोगामेड़ी पर गोलियां चला दीं। यहां तक कि उन्होंने अपने साथी नवीन शेखावत की भी गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके माध्यम से उन्होंने करणी सेना प्रमुख के आवास तक पहुंच हासिल की थी।