प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के 50 दिन बाद हुए अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम शूटआउट के हर पहलू पर जांच कर रही है। शुक्रवार को पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने भी घटनाक्रम की बारीक छानबीन की। एक-एक बिंदू पर विचार किया और स्थानीय पुलिस के साथ ही एसआइटी और फोरेंसिक टीम से जानकारी ली।

माना जा रहा है कि इस हत्याकांड में क्या कोई लापरवाही रही और किसने लापरवाही की, फायरिंग शुरू होने पर पुलिस दल की प्रतिक्रिया कैसी रही, यह सब जांच के बिंदु हैं। शूटरों के बारे में भी न्यायिक आयोग को पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है। 15 अप्रैल की रात का वाकया बेहद सनसनीखेज रहा। हथियारों से लैस पुलिसकर्मियों की कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन शूटरों ने मार डाला था। उन दोनों पर शूटरों ने पुलिसवालों के सामने एकदम निकट से फायरिंग की थी।

हत्याकांड पर सियासी घमासान शुरू होने लगा। प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने घटना के पांच दिन बाद आकर जांच की थी। उसी दिन एसआइटी (विशेष जांच दल) ने क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया यानी पुलिसवालों को शूटर बनाकर घटनाक्रम को दोहराकर उस मंजर को समझाने का प्रयास किया था। उस पूरे वाकये को इस तरह से दोहराया गया जैसे सब कुछ दोबारा हो रहा हो। साथ में फोरेंसिक टीम ने भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करते हुए मैपिंग भी की थी।

जांच को और आगे बढाते हुए न्यायिक आयोग ने शुक्रवार को दोबारा जांच की तो यह भी जानने का प्रयास किया कि क्या इस घटनाक्रम में किसी तरह की लापरवाही भी रही। शाम 5.48 बजे से 6.14 बजे तक अस्पताल में न्यायिक आयोग ने हर पहलू पर नजर डाली। घटना के बाद सवाल उठाया गया था कि अतीक और अशरफ को एंबुलेंस या पुलिस जीप में गेट के भीतर तक क्यों नहीं ले जाया गया। क्यों उन्हें पैदल सड़क से अंदर पुलिस ले जा रही थी।

अनुमान है कि इन सब पहलुओं को भी जांच के दायरे में रखा गया है पुलिस अधिकारियों से भी न्यायिक टीम ने हर बिंदु पर सवाल किए और जानकारी ली है।

कब क्या हुआ

  • 24 फरवरी को सुलेम सराय में उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या
  • 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ का अस्पताल में शूटआउट
  • 20 अप्रैल को पहली बार न्यायिक आयोग ने की थी घटनास्थल पर जांच
  • 05 मई को पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग की टीम फिर पहुंची प्रयागराज
  • 26 मिनट तक अस्पताल परिसर में न्यायिक आयोग टीम ने की पड़ताल