कोरोना काल की विडंबना: मोर्चरी में शवों की बेकदरी, फिर सामने आई मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही

ये दो मामले मेरठ मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाओं के हालात सामने लाने के लिए काफी है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के निर्देशों के बाद भी यहां शवों की बेकदरी व अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। इन शवों को अंतिम संस्कार के लिए सूरजकुंड श्मशान घाट तक ले जाने के लिए परिजनों को दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव को उचित इलाज तो दूर मौत के बाद उनके शव को सम्मान के साथ रखा तक नहीं जा रहा है। ऐसे में परिजन जिला प्रशासन, सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद भी असहाय महसूस कर रहे हैं।
जाओ, पहचान लो मौसा का शव

सलारपुर निवासी कोरोना पॉजिटिव की मौत 17 जून की सुबह होना बताई जा रही है। उनका भतीजा प्रधान पति संजय शुक्रवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचा। संजय ने बताया कि मोर्चरी में तैनात कर्मचारी ने कहा कि 20 शव पड़े हैं। जाओ, अपने मौसा का शव पहचानकर ले जाओ। संजय ने सभी शव देखे। उसके बाद मौसा के शव को ले जाने की खुद व्यवस्था की। इस बीच उसने सीएम हेल्पलाइन और आधिकारियों को फोन भी किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।

केस – 2
खुला पड़ा था शव, कफन भी नहीं था 

साहिबाबाद निवासी को निमोनिया होने के कारण मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मृतक के भतीजे हरप्रीत सिंह और पत्नी सतपाल कौर के अनुसार, शुक्रवार सुबह उन्हें जानकारी हुई कि राजेंद्र की मौत हो गई है। मोर्चरी से शव ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई थी। मोर्चरी में शव खुला पड़ा था। वहां तैनात कर्मचारी के साथ मिलकर उन्होंने शव को कफन से ढका। जांच में उनकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई थी।

शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज से कोरोना पीड़ित दो मृतकों के शवों को सूरजकुंड ले जाया गया। दोनों ही शव सादे कफन में एंबुलेंस से शवदाह गृह ले जाए गए। इस बीच परिजनों ने भारी मन से ज्यादातर व्यवस्थाओं को खुद ही पूरा किया।

सादे कपड़े में लपेटे जा रहे पॉजिटिव शव
शवदाह गृह ले जाने के लिए कोरोना पॉजिटिव के शव को ट्रिपल लेयर बैग में रखने की व्यवस्था है। इसके बाद भी दोनों शवों को सामान्य कपड़े में लपेटकर परिजनों के हवाले कर दिया गया। वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद शव से संक्रमण का खतरा नहीं होता है। अब शव को सादे कपड़े में लपेटकर मोर्चरी भेजा जा रहा है।

सूरजकुंड पर अंतिम संस्कार का विरोध
कोरोना पॉजिटिव शवों के सही ढंग से अंतिम संस्कार न किए जाने को लेकर नेहरूनगर, फूलबाग कॉलोनी के लोगों ने डीएम को पत्र भेजकर गढ़ मुक्तेश्वर में कोरोना पॉजिटिव मृतकों का अंतिम संस्कार कराने की मांग की है। पूर्व पार्षद अनिल शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन और गंगा मोटर कमेटी शमशान घाट में व्यवस्था नहीं बनवा पा रही है। ऐसे में क्षेत्र में कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है।

पॉजिटिव के शव को अच्छी से पैक करके ही अंतिम संस्कार के लिए दिया जाता है। अंतिम संस्कार करने वालों को भी पीपीई किट पहननी होती है। किसी मामले में लापरवाही हुई है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. राजकुमार, सीएमओ

 


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