दिव्यांगजनों के पुनर्वास सशक्तिकरण एवं उनकों शिक्षित-प्रशिक्षित करने के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील
- डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय इसका अनूठा उदाहरण
- इस विश्वविद्यालय में समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटे दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित
सहारनपुर [24CN]। दिव्यांगजनों के पुनर्वास, सशक्तिकरण एवं उनकों शिक्षित-प्रशिक्षित करने एवं मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उ0प्र0 सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा वर्ष 2008 में स्थापित डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ समूचे विश्व में अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज कराता एशिया का एक ऐसा विशिष्ट विश्वविद्यालय है जहाॅं दिव्यांग विद्यार्थियों एवं सामान्य विद्यार्थियों को एक साथ पठन पाठन की व्यवस्था और समावेशी शिक्षा प्रदान की जाती है।
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी श्री अभिषेक कुमार पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ जिसकी कुलाध्यक्ष, मा0 राज्यपाल उ0प्र0 एवं सामान्य परिषद के अध्यक्ष, मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश है। आज यह गौरवशाली विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बाधारहित अवस्थापना सुविधाओें से सुसज्जित होकर मानव सभ्यता के इतिहास में एक कीर्तिमान मशाल की तरह साकार रूप में खड़ा है।
दिव्यांगजनों को शिक्षा, विशेषकर उच्चशिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अवसर दिए जाने हेतु यह विश्वविद्यालय संकल्पबद्ध है तथा भारत के विभिन्न राज्यों के दिव्यांग विद्यार्थी यहाॅं अध्ययनरत हैं, जिनकों राज्य सरकार के सहयोग से विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, भोजन एवं छात्रावास की सुविधाॅंए निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इस विश्वविद्यालय में समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटे दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित हैं। जिसमें से 50 प्रतिशत अर्थात कुल सीट का 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए आरक्षित है।