उगते सूर्य को अघ्र्य देकर संपन्न हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व
- सहारनपुर में छठ महापर्व के अंतिम दिन पूर्जा-अर्चना क रते पूर्वांचलवासी।
सहारनपुर। महानगर में चार दिवसीय छठ महापर्व मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। जिले भर में विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, वहीं पांवधोई नदी घाट पर पूर्वांचल कल्याण सभा के तत्वावधान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में आस्था और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। इससे पहले सोमवार शाम को श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को संध्या अघ्र्य अर्पित किया था। मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही व्रतधारिणी महिलाओं ने निर्जला उपवास पूर्ण किया। घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी थी। दूर-दराज से लोग दंडवत प्रणाम करते हुए घाट पहुंचे। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा वातावरण छठ की आस्था में सराबोर दिखाई दिया।
व्रतधारिणी महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में नदी तट पर छठी मईया की पूजा-अर्चना की और सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। जब महिलाएं जल में खड़ी होकर अर्घ्य अर्पित कर रही थीं, तो वह दृश्य अत्यंत मनमोहक और भावनात्मक दिखाई दे रहा था।कार्यक्रम का संचालन पूर्वांचल कल्याण सभा के अध्यक्ष दानिश आजम के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने कहा कि छठ पर्व केवल सूर्य उपासना नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में पवित्रता, आत्मसंयम और प्रकृति के प्रति यतज्ञता का प्रतीक है। इस अवसर पर एसडीएम विकास पांडे भी घाट पर पहुंचे और श्रद्धालुओं को पर्व की शुभकामनाएं दीं। पूर्वांचल कल्याण सभा के पदाधिकारियों ने उन्हें पारंपरिक पटका पहनाकर सम्मानित किया। वहीं थाना मंडी के प्रभारी निरीक्षक रोजंत त्यागी को भी उत्कृष्ट सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभा की ओर से सम्मानित किया गया।
महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के साथ छठी मईया की आराधना की।कार्यक्रम में पूर्वांचल कल्याण सभा के अध्यक्ष दानिश आजम के साथ दशरथ गिरी, अनिल पोद्दार, प्रमोद पोद्दार, गुड्डू गोस्वामी, मुन्ना गोस्वामी, अर्जुन पोद्दार, विशाल कश्यप, श्याम बहादुर गिरी, इंद्रजीत गोस्वामी,सोनू गोस्वामी, सागर पोद्दार, मदन पोद्दार, उदयभान गिरी, शिवकुमार गिरी, मुकेश गिरी (पत्रकार) सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। पर्व के समापन पर श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को छठ की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व समाज में एकता, संयम और आस्था का अद्भुत प्रतीक है।
