यूपी में SIR के ऐलान के बाद सपा से आई पहली प्रतिक्रिया, डिंपल यादव ने उठाए सवाल
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का ऐलान किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन ने 27 अक्टूबर, सोमवार को प्रेस वार्ता की. यूपी में एसआईआर के ऐलान पर समाजवादी पार्टी की पहली प्रतिक्रिया आई है. सपा चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
सपा सांसद डिंपल यादव कहा कि अगर चुनाव आयोग एसआईआर कराना चाहता है, तो उसे कराने दीजिए. सरकार जिनकी है वो चाह रहे हैं एसआईआर तो फॉलो किया जाएगा. डिंपल यादव ने सवाल उठाते हुए ये भी कहा आखिर SIR कराने की मंशा क्या है? सरकार की मंशा क्लियर नहीं है. सरकार डेमोक्रेटिक सेटअप को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
SIRपर बीजेपी ने क्या कहा?
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एसआईआर (SIR) पर कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने जो फैसला लिया है वह स्वागत योग्य है और उन्हीं लोगों का नाम मतदाता सूची में होना चाहिए जो उसके लिए अहर्ता रखते हैं. जो लोग बाहर के नागरिक हैं और किसी कारण से मतदाता बन गए हैं, उनका चिन्हिकरण करना है, ये स्वागत योग्य कदम है.
बता दें कि SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा. इन 12 राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि दूसरे चरण के एसआईआर के लिए 28 अक्टूबर से तीन नंवबर 2025 तक प्रिटिंग और ट्रेनिंग होगी. इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक हाउस इन्यूमेरेशन फॉर्म दिया जाएगा. फिर 9 दिसंबर 2025 को इलेक्टोरल रोल्स के ड्राफ्ट का प्रकाशन होगा. आपत्ति और दावे दाखिल करने के लिए 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक का समय दिया जाएगा. 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस फेज होगा और 7 फरवरी 2026 तक फाइल इलेक्टोरल रोल प्रकाशित किया जाएगा.
