’73 दिनों में भारत में आ जाएगी पहली कोरोना वैक्सीन!’, सीरम इंस्टीट्यूट ने खबरों का किया खंडन

नई दिल्ली  सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ (Covishield) के 73 दिन में भारत में उपलब्ध होने के संबंध में मीडिया में आई खबरों का खंडन किया है। SII ने रविवार को स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि सरकार ने उसे सिर्फ वैक्सीन के निर्माण और भंडारण की अनुमति दी है।

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उसका कहना है कि कोविशील्ड का अभी तीसरे चरण का मानव परीक्षण जारी है और जब वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी साबित होगी तब वह उसकी उपलब्धता के बारे में आधिकारिक जानकारी देगा। उसने कहा है कि कोविशील्ड के परीक्षण के सफल साबित होने के बाद नियामकों की आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद ही वैक्सीन उपलब्ध होगी। बता दें कि इससे पहले मीडिया में खबरें थीं कि भारत की पहली कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ (Covishield) 73 दिनों में बाजार में आ जाएगी। साथ ही खबर थी कि सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से सीधे कोविशिल्ड वैक्सीन खरीदेगी और हर भारतीय को इसका टीका मुफ्त में लगाया जाएगा।

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खबर के मुताबिक केंद्र सरकार जून 2022 तक सीरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड़ कोरोना वैक्सीन खरीदेगी। सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन की तरह ही इसे भी पूरे देश में चलाया जाएगा। Covishield वैक्सीन को पुणे की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है। बता दें कि 17 केंद्रों में 1600 लोगों के बीच कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। हर केंद्र में लगभग 100 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने Astra Zeneca नाम की कंपनी से इस वैक्सीन को बनाने के लिए अधिकार खरीदे हैं।