नकुड मे रामलीलाभवन मे लगने वाला पटाखो का बाजार बन सकता है बडे हादसे का सबब

नकुड मे रामलीलाभवन मे लगने वाला पटाखो का बाजार बन सकता है बडे हादसे का सबब
फोटो रामलीला भवन का एकमात्र द्वार

नकुड 23 अक्टबर इंद्रेश। दीपावली नजदीक आते ही पटाखों की दुकानो मे आग लगने की घटनाओं जानमाल का बडा नुकसान होने की खबरे आम हो जाती है। प्रशासन हर वर्ष दीपावली के समय अतिरिक्त सावधानी रखने के दावे भी करता है। पंरतु नकुड में पटाखो की दुकाने रामलीला भवन मे लगती है। अंदर जाने या बाहर आने का एक मात्र दरवाजा हैं । कोई हादसा होने की स्थिति में आबादी के बीच मे स्थित होने के कारण रामलीला भवन के आसपास जानमाल के बडे नुकसान की सभांवना से इंकार नंही किया जा सकता।

पटाखों के विक्रय के लिये दुकाने बीच आबादी मे नहीं लगनी चाहिए। जहा पटाखो की दुकाने लगती है वंहा हादसो किसी संभावना की स्थिति में निकासी की प्रर्याप्त व्यवस्था भी होनी चाहिए। दमकल विभाग व स्थानीय प्रशासन इन नियमो का पालन कराने के लिये जिम्मेदार भी होता है। पंरतु नकुड इस मामले में अपवाद बन गया है। नकुड प्रशासन कई वर्षो से दीपावली के समय रामलीला भवन में पटाखो ं की दुकाने लगवा रहा है। गौरतलब है कि रामलीला भवन की बगल मे ही ऐतिहासिक महादेव मंिदर है। जबकि पास मे ही आर्यसमाज मंदिर व विश्वकर्मा मंदिर भी हैं । रामलीला भवन के बाहर बडा बाजार है। इन सार्वजनिक स्थानो मे अधिकांश समय में भीड लगी रहती है। रामलीला भवन मे अंदर जाने व बाहर निकालने का एक ही दरवाजा है।

दीपावली के समय रामलीला भवन में पटाखों की दुकाने लगने की स्थिति में यंहा दुकानदारो व खरीददारो की भीड लगी रहती है। बीच बाजार व आबादी के बीच मे होने के कारण पार्किंगं की कोई व्यवस्था भी नंही होती । न ही हादसो के समय आग बुझाने के लिये वहंा पर फायरबिग्रेड की गाडी खडी करने की प्रर्याप्त व्यवस्था भी नहीं  है। हादसे के समय दमकल की गाडी अंदर जाने का रास्ता भी उपलब्ध नहीं है। सुत्रो का कहना है कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारी पटाखा विक्रेताओ से मात्र वसूली करने तक सीमित रहते है।

बताया जाता है कि प्रशासन ने इस बार पटाखो के विक्रय के दुकाने ख्ुाले स्थान मे सरसावा रोड पर लगाने का निर्णय लिया था। पंरतु प्रशासन ने आश्चर्यजनक रूप से अपना निर्णय बदल लिया ं। बताया जाता है कि अबकी बार फिर पटाखों की दुकाने रामलीला भवन मे ही लगेगी। जो किसी बडे हादसे का कारण बन सकती है। यदि ऐसा हुआ तो रामलीला भवन के पास स्थित मंदिर व बाजार इसकी चपेट मे आने की आशंका से इंकार नंही किसा जा सकता।

भाकियु के प्रदीप ठाकुर, देवी सिंह, रामपालसिंह आदि ने कहा कि किसी भी हादसे की स्थिति से बचने के लिये दीपावली पर पटाखो की दुकाने कस्बे की आबादी क्षेत्र से बाहर लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नकुड मे दीपावली पर ग्रीन पटाखो को ही बेचा जाना चाहिए। उनका कहना है कि एसडीएम नकुड तो अपना सीयुजी नंबर ही नहीं उठाती । कोई भी परेशान व्यक्ति एसडीएम को अपनी समस्या फोन पर नहीं बता सकता।


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