नकुड मे चल रही रामलीला मे भगवान राम के वन गमन के प्रसंग के प्रसंग का मंचन किया गया

नकुड मे चल रही रामलीला मे भगवान राम के वन गमन के प्रसंग के प्रसंग का मंचन किया गया
  • रामलीला का मंचन करते कलाकार

नकुड 11 अप्रैल इंद्रेश। नगर मे चल रही रामलीला मे कलाकारो ने श्री राम के वन गमन के प्रसंग का भावुक कर देने वाला मंचन किया। भगवान राम लक्ष्मण व माता सीता के वन गमन के साथ ही दर्शको की आंखो मे आंसु छलक आये।

रानी कैकयी ने महाराजा दशरथ से उनके दिये गये दो वर मांग लिये । कैकयी ने पहले वर में भगवान राम को चैदह वर्ष का वनवास व दुसरे वर मे भरत को अयोध्या की राजगददी। कलाकारो के मार्मिक संवादो ने दर्शको को भावविभोर कर दिया।

तपस वेश,विशेष उदासी , चैदह वर्ष राम वनवासी। महाराजा दशरथ ने सुमंत को राम सीता व लक्ष्मण को वन दिखाने के बाद वापस ले आने के लिये कहा । भगवान राम के सीता व लक्ष्मण के साथ वन को जाने के से अयोध्या मे शोक छा गया। अयोध्यावासी भी उनके साथ वन की ओर चल दिये। जिससे रामलीला का पंाडाल भाव विभोर हो गया।

इससे पूर्व व्यापार एव उद्यौग प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियो सुधीर मिततल, महामंत्री सुधीर गोयल, सोहित मिततल, अरविंद्र सिंघल, दीपक गोयल, आदि ने दीपप्रज्जवलित कर भगवान श्रीराम की आरती मे भाग लेकर लीला का शुभारंभ किया। रामलीला मे शाम से ही भीड जुटनी शुरू हो जाती है। नगर ही नंही बल्कि आसपास के गांव से भी लोग रामलीला देखने के लिये आते है।
इस मौके पर महोत्सव समिति के उपाध्यक्ष पकंज जैन, राजेश जैन राजू, नदीप सिंघल, विजय त्यागी, मनोज गोयल, हरीश गर्ग, वरूण मिततल, अनिल गोयल,राजनशर्मा , विजेंद्र नारायण व श्रवण त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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