विधि-विधान के साथ मनाया विजयदशमी पर्व, रावण के पुतले का किया दहन
सहारनपुर [24CN]। भारतीय संस्कृति में असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयदशमी पर्व परम्परागत तरीके से विधि-विधान के साथ मनाया गया। विजयदशमी पर हिंदू धर्मावलम्बियों द्वारा अपने घरों में शस्त्र पूजन किया गया। तत्पश्चात बहनों द्वारा बहनों के कानों पर नोरते रखकर उनके दीर्घायु व सफल जीवन की कामना की गई। देर शाम विभिन्न रामलीला कमेटियों द्वारा मुक्ति संग्राम यात्रा निकालकर बुराई के प्रतीक रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया।
गौरतलब है कि भारतीय संस्कृति में आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को विजयदशमी पर्व मनाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। विजयदशमी पर्व आज हिंदू धर्मावलम्बियों द्वारा अपने-अपने घरों में गोबर से रावण का पुतला बनाकर विधि-विधिान के साथ पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान अनेक लोगों द्वारा शस्त्र पूजा भी की गई तथा बहनों द्वारा अपने बहनों के कानों पर नोरते रखकर उनके सुखी, सफल व दीर्घायु जीवन की कामना की गई। भाइयों द्वारा भी बहनों को नगदी व उपहार प्रदान किए गए। जनपद में विभिन्न रामलीला कमेटियों के तत्वावधान में हो रहे रामलीला मंचन में आज कलाकारों द्वारा मुक्ति संग्राम यात्रा निकाली गई। इसके बाद रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया। पुतला दहन के दौरान एक ओर जहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। वहीं दूसरी ओर रावण दहन के दौरान होने वाली भीड़ के मद्देनजद जिला प्रशासन द्वारा रूट डायवर्जन भी किया गया था ताकि रावण दहन देखने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जाम की स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस दौरान विभिन्न स्थानों पर लगे दशहरा मेले में नन्हें मुन्ने बच्चों ने अपने मनपसंद खिलौनों की खरीददारी की। वहीं युवाओं व अन्य लोगों द्वारा भी अपनी मनपसंद वस्तुएं खरीदी गई। महानगर में कई स्थानों पर पुतला दहन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा जिनमें रावण का सिर घूमने के साथ ही अनेक राम के अग्निबाण के लगते ही पुतला धू-धू कर जल उठा। विभिन्न स्थानों पर रावण पुतला दहन के बाद महानगर में जाम की स्थिति पैदा हो गई जिसमें यातायात पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद नियंत्रित किया।