द दून वैली पब्लिक स्कूल मे विद्यार्थियो के मानसिक व शारीरिक उत्थन हेतू ज्ञान सत्र का किया गया आयोजन
- द दून वैली पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राओं को ज्ञान रूपी रसपान कराते महाराज जी
देवबंद [24CN] : द दून वैली पब्लिक स्कूल प्रांगण मे बुधवार को श्रीराम कथावाचक श्री शांतनु महाराज जी द्वारा छात्रो ंके मानसिक व शारीरिक उत्थान हेतु ज्ञान सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ श्री शांतनु महाराज, माननीय राज्यमंत्री कुँवर ब्रजेश सिंह, विद्यालय चेयरमैन राजकिशोर गुप्ता, मैनेजर सुमन सिंघल व प्रधानाचार्या सीमा शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। तत्पश्चात् चेयरमैन राजकिशोर गुप्ता, राज्यमंत्री कुँवर ब्रजेश सिंह जी व अन्य गणमान्य अतिथियों समाज सेवी विनोद गुप्ता, विपिन गर्ग, रविन्द्र कुमार आदि द्वारा महाराज जी का माल्यार्पण व बुके देकर स्वागत किया गया। विद्यालय के प्रांगण मे श्रीराम कथावाचक श्री शांतनु जी महाराज ने छात्रों को जीवन में सफलता प्राप्ति के महत्वपूर्ण सुत्र समझाते हुए कहा कि अपने माता-पिता व गुरूजनो के प्रति श्रद्धा व सम्मान बनाए रखें।
गुरू का स्थान देवताओ से भी श्रेष्ठ है तथा जीवन मे सफलता प्राप्ति हेतु अपने गुरूजनो का हमेशा अनुसरण करना चाहिए व सदैव आदर करना छात्रों का परम कत्र्तव्य होना चाहिए। उन्होने कहा कि दीर्घायु व निरोगी जीवन जीने हेतु प्रातः वंदन, आयुर्वेद के अनुसार आचार-विचार तथा अनुशासन का पालन अनिवार्य है। जीवन मे सफलता प्राप्ति हेतु अर्जुन की भांति लक्ष्योन्मुख रहना होगा। उन्होनें छात्रों को बैठने की उचित मुद्रा तथा ताली बजा कर अपने मस्तिष्क का संचालन करना सिखाया।
जीवन में सफल होना तथा जीवन का सार्थक होना दोनो शब्द भिन्नता लिए हुए है। उन्होने कहा कि भौतिक सफलता धन सम्बंधी है परन्तु जीवन की सार्थकता आध्यात्मिक होना है। कल्याण का मार्ग सर्वश्रेष्ठ व श्रेयस्कर है। उन्होने छात्रो को मोबाइल से दूरी बनाने तथा योजना बना कर अनुशासित जीवन हेतु प्रेरित किया। राज्यमंत्री कुवंर ब्रिजेश सिंह ने जीवन मे कल्याणकारी तत्व अपनाने, अहितकर, अमाननीय, अकल्याणकारी तथ्यो को जीवन से रिक्त करने हेतु प्रेरणा दी। उन्होने छात्रो ं से ओजस्वी व पराक्रमशाली जीवन व्यतीत करने सम्बंधी आख्यान सुनाए।
विद्यालय के चेयरमैन राजकिशोर गुप्ता जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतवर्ष में ऋषि-मुनियांे के स्वागत व सम्मान की अभूतपूर्व परंपरा है। उन्होने छात्रो को उनके जीवन से प्रेरणा लेने तथा भारतवर्ष को पुनः ऊचाँइयो ं पर ले जाने हेतु प्रेरित किया।
