उत्तर प्रदेश का विभाजन वर्तमान समय की सबसे बड़ी मांग: वर्मा
सहारनपुर [24CN] । पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विभाजन वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के विभाजन से एक ओर जहां प्रदेश की 24 करोड़ जनता को सीधे-सीधे लाभ होगा, वहीं दूसरी ओर छोटा राज्य होने पर कानून-व्यवस्था भी बेहतर होगी।
पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा आज यहां महफूज गार्डन स्थित मोर्चा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ती समस्याओं का एकमात्र हल उत्तर प्रदेश का विभाजन ही है। छोटे-छोटे राज्यों से जहां वहां के लोगों को सीधा लाभ होगा। वहीं छोटे राज्यों से देश की उन्नति भी संभव है। उन्होंने कहा कि देश में आयकर की दृष्टि से उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के बावजूद सबसे पीछे हैं। जब इसके चार राज्य होंगे तो सबसे अधिक आय देने वाले राज्यों में पृथक पश्चिम प्रदेश का नाम होगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को मिलाकर आठ करोड़ जनसंख्या का पृथक पश्चिम प्रदेश देश ही नहीं दुनिया का सबसे उन्नतिशील व विकासशील राज्य होगा। पश्चिम प्रदेश में शिक्षित युवाओं को सबसे अधिक रोजगार मिलेगा, बड़े-बड़े उद्योग धंधे लगेंगे, हाईकोर्ट मेरठ में होगा और यहां के लोगों को मुख्यमंत्री से मिलना हरियाणा व उत्तराखंड की तरह आसान होगा।
वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि पृथम पश्चिम प्रदेश में आठ करोड़ जनसंख्या, 27 लोकसभा क्षेत्र व 135 विधानसभा क्षेत्र होंगे। जबकि 26 जिले व छह मंडल होंगे तथा पृथक पश्चिम प्रदेश पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड व चंडीगढ़ के बराबर होगा। प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि कई दशक से आंदोलन कर रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकीलों व जनता को आज तक हाईकोर्ट की बैंच तक नहीं मिल पाई जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि पश्चिम प्रदेश निर्माण से यहां हाईकोर्ट के साथ-साथ विधानसभा व अन्य विभागों के मुख्यालय मेरठ में होंगे। उन्होंने युवा शक्ति से युवा पश्चिम प्रदेश निर्माण आंदोलन में बढ़-चढक़र हिस्सा लेने का आह्वान किया।
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी व संचालन जिलाध्यक्ष नीरज कपिल ने किया। इस दौरान प्रदेश सचिव विनोद सैनी, स. गुरविंदर सिंह बंटी, वीरेंद्र सिंह गिल्लू, रविंद्र गिल, जोगेंद्र ंिसह, वसीम जहीरपुर, हाजी सुलेमान, मो. याकूब, मो. फारूख, डा. यशपाल त्यागी, महबूब हसन, बुद्धू हसन, रविंद्र प्रधान, हरपाल सिंह, राजकरण चौधरी, अरविंद चौधरी, नीरज सैनी, प्रधान नैनसिंह सैनी, सुधीर, मांगेराम सैनी आदि मौजूद रहे।