लखनऊ। प्रयागराज में संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच अब सीबीआइ करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। गृह विभाग ने प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। सोमवार शाम नरेंद्र गिरि (60) श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के विश्राम गृह स्थित कमरे में मृत पाए गए थे। इसकी जांच फिलहाल 18 सदस्यीय एसआइटी कर रही है। तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत प्रकरण की सीबीआइ जांच होगी। गृह विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह जानकारी साझा की गई है। महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मौके से सुसाइड नोट के आधार पर उनके शिष्य आनंद गिरि और आद्या तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद से ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित तमाम संत-महंत आत्महत्या को लेकर संदेह जता चुके हैं। वहीं, राजनीतिक दलों ने भी प्रकरण की सीबीआइ या न्यायिक जांच कराने की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दी है।

महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के विश्राम गृह स्थित कमरे में नायलान की रस्सी से बनाए गए फंदे से पंखे के चुल्ले से लटकते मिले थे। मौके से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य समेत तीन लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया था। यह मंगलवार को सार्वजनिक हुआ। इसमें शिष्य योग गुरु आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया है। दो आरोपितों की गिरफ्तारी मंगलवार को ही दर्शा दी गई थी। एसआइटी अध्यक्ष अजीत सिंह ने शाम छह बजे तीसरे आरोपित संदीप की गिरफ्तारी की पुष्टि की।

गले में नहीं मिली क्लाटिंग, स्लाइवा से फांसी की पुष्ट : महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या और हत्या के कयासों के बीच बुधवार को पोस्टमार्टम ने स्थिति कुछ हद तक साफ कर दी है। पांच डाक्टरों के पैनल ने पाया है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत फंदे में लटकने से हुई है। हालांकि फोरेंसिक जांच का विकल्प खुला रखते हुए बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। पैनल को महंत नरेंद्र गिरि के गले में रस्सी से कसे जाने के निशान मिले हैं। विधिक मामला होने के कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। इसे सीएमओ को दे दिया गया है।

गले में नहीं मिली क्लाटिंग : महंत नरेंद्र गिरि के पोस्टमार्टम में क्या मिला, इस बारे में बताने से पैनल में शामिल डाक्टरों ने इन्कार कर दिया लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान मौजूद कर्मचारियों ने इतना जरूर बता दिया गया कि महंत के गले में बाइट यानी सफेद रंग का पदार्थ जमा मिला है जो थूक में रुकावट से बन जाता है। मुंह में स्लाइवा (थूक) मिला। ऐसा फांसी के मामलों में अक्सर मिलता है। रस्सी या किसी कपड़े से जबरन गला कसे जाने अथवा किसी रूल से दबाने के मामले में गले की बाइट में क्लाटिंग हो जाती है। महंत के गले में क्लाटिंग नहीं पाई गई। मल त्याग जैसी बात भी नहीं मिली।