नई दिल्‍ली। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ने लगा है। इसको लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus variant) के प्रसार को रोकने के उपायों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ने राज्‍यों से कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए कहा है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले पाए गए

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। अब तक इस वैरिएंट से संक्रमित तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित कर रखा है लेकिन विज्ञानियों की मानें तो अभी इसके ज्यादा संक्रामक होने के सुबूत नहीं मिले हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले 11 राज्यों में पाए गए हैं।

टीका नहीं लगवाने वालों के लिए खतरा बढ़ा

इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले मिले हैं, लेकिन सूत्रों ने 50 मामले पाए जाने की बात कही। सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित दो मौतें हुई हैं। इनमें से किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। वहीं, समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में सरकारी अस्पताल में इस वैरिएंट से संक्रमित एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई है।

इन राज्‍यों में मिले मामले

अभी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में डेल्टा प्लस के मामले मिल चुके हैं। सरकार का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट का प्रसार स्थानीय स्तर पर हो रहा है। इस वैरिएंट को लेकर और अध्ययन जारी है।

सबसे ज्‍यादा 20 केस महाराष्ट्र से

केंद्र सरकार की मानें तो देश में अब तक जीनोम किए गए 45 हजार नमूनों में से कोरोना के डेल्टा प्लस स्वरूप के 48 मामले सामने आए। इनमें से सबसे ज्‍यादा 20 केस महाराष्ट्र से हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि नए वैरिएंट के मामले बहुत कम हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामले सामने आए हैं।

प्रतिरक्षा को दे सकता है चकमा

इस बीच, इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) के निदेशक डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अभी तक डेल्टा प्लस को लेकर जानकारी मिली है, उससे वह डेल्टा की तरह ही जान पड़ता है। अगर डेल्टा वैरिएंट आफ कंसर्न है तो डेल्टा प्लस भी उसी श्रेणी में आता है। डेल्टा से ही डेल्टा प्लस बना है। संक्रामकता को लेकर यह ज्यादा खतरनाक नहीं लग रहा, लेकिन एंटीबाडी और प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है।