अमेरिका मे दो माह से डिटेंशन का दंश झेल रहे नकुड निवासी बदरखान को अदालत ने बाईज्जत रिहा किया, परिवार खुश

नकुड 16 मई इंद्रेश। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र होने का दावा करने वाले अमेरिका मे किस प्रकार से मानवाधिकारो की खुलेआम धज्जियां उडायी जाती है। यह उस समय साफ हो गया जब दो माह से डिटेंशन सेंटर का दंश झेल रहे नकुड के मूल निवासी युवक बदरखान को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया। न्यायालय ने बदर खान के अमेरिका से निष्कासन को भी रदद कर दिया है।
अमरिका की जार्ज टाउन मे विजिटिंग स्कालर बदरखान सुरी को अमेरिकन एजेंटस ने वर्जिनिया स्थित उनके आवास हिरासत मे ले लिया था । अमेरिकन प्रशासन ने बदरखान पर हमास के साथ संबध होने का आरोप लगाया था। अदालत मे प्रशासन अपने आरोपो का सिद्ध नहंी कर पाया। अमेरिकन प्रशासन न्यायालय मे बदरखान के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत पेश नंही कर पाया । जिसके बाद न्यायालय ने बदरखान का डिटेंशन सेंटर से रिहा करने कर दिया। युएस डिस्टरिक्ट जज पेटरिसिया गिल्स ने अपने आदेश मे टिप्पणी की कि बदरखान की हिरासत अमेरिकी संिवधान के पहले संशोधन का उल्लंघन है। जो नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता की गारंटी देता है।
रिहा होने के बाद बदरखान ने मिडिया को बताया कि डिटेंशन सेंटर मे उन्हे एक अपराधी की तरह रखा गया। हिरासत के दौरान उन्हे डिटेंशन सेंटरो मे इधर उधर भेजा जाता रहा। उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। उनकी हिरासत का असर नकुड मे स्थित उनके परिवार पर भी पडा। उनके बुजुर्ग पिता शमशाद खान अमेरिकन प्रशासन के व्यवहार से परेशान तो थे । पंरतु उन्हे पूरा विश्वास था कि उनका बेटा निर्दोष साबित होगा। बदर खान की रिहाई से उनका विश्वास ओर पुख्ता हो गया है। शमशादखान व उनका परिवार बेटे की रिहाई से बेहद खुश है। इस घटना ने पूरी दुनिया मे मानवाधिकारो का ढोल पीटने वाले अमेरिका की पोल खोलकर रख दी है।