किसान बचेगा तभी बचेगा देश: वर्मा

किसान बचेगा तभी बचेगा देश: वर्मा
  • सहारनपुर में भागूवाला में किसानों की बैठक को सम्बोधित करते भगतसिंह वर्मा।

सहरनपुर। भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।

भगतसिंह वर्मा बेहट विधानसभा क्षेत्र के गांव भागूवाला स्थित मा. हुकम चंद सैनी के आश्रम में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की उन्नति से ही देश की उन्नति संभव है। देश में उत्पादन करने वाले उद्योगपति, व्यापारी, दुकानदार अपनी वस्तुओं के दाम स्वयं तय करते हैं। जबकि किसान को अपनी फसलों के दाम तय करने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा योजना को सीधे खेती से जोड़कर अन्नदाता किसानों को मनरेगा से मजदूर उपलब्ध कराने का काम करे ताकि खेती में मजदूरों की समस्या को हल किया जा सके। उन्होंने लगातार गन्ने की बढ़ती लागत को देखते हुए गन्ने का लाभकारी मूल्य 600 रूपए प्रति कुंतल किए जाने की भी मांग की।

बैठक का संचालन करते हुए राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र चौधरी ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान बचेगा तो देश बचेगा। किसान को बचाने के लिए दिल्ली और लखनऊ में बैठे नेता कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं जिस कारण देश का अन्नदाता किसान कर्जमंद होकर आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण पूरा देश गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी की चपेट में है। देश के बड़े नेताओं ने इसे पांच प्रतिशत लोगों का देश बना दिया है जबकि 95 प्रतिशत लोग गरीबी का जीवन जीने को मजबूर हैं। बैठक की अक्ष्यता हुकम चंद सैनी ने की। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष पं. नीरज कपिल, चौ. जगपाल सिंह, चौ. कालूसिंह, जोगेंद्र सिंह, सुमित, मूलचंद चौहान, शक्ति सिंह आदि किसान शामिल रहे।