जल्‍दी जाने वाला नहीं है कोरोना वायरस, एक दशक तक यूं ही रहेगा हमारे साथ: BioNTech

जल्‍दी जाने वाला नहीं है कोरोना वायरस, एक दशक तक यूं ही रहेगा हमारे साथ: BioNTech

लंदन । महामारी की जकड़न में छटपटा रही दुनिया में घातक  कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन आने से हड़कंप है। इसे देखते हुए बायोएनटेक के सीईओ उगुर साहिन ने कहा है कि कम से कम एक दशक तक तो यह वायरस हमारे बीच ही रहेगा। इस सप्‍ताह एक वर्चुअल प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में साहिन से इस वायरस के डेडलाइन से जुड़ा सवाल पूछा गया था। उनसे जीवन दोबारा सामान्‍य होने की संभावना के बारे में सवाल किया गया। उन्‍होंने बताया, ‘हमें ‘नॉर्मल यानि सामान्‍य’ की नई परिभाषा की जरूरत है। अगले 10 सालों तक वायरस हमारे साथ रहेगा।’ BioNTech की वैक्‍सीन अमेरिका के दिग्‍गज फर्माक्‍यूटिकल फाइजर (Pfizer) के साथ विकसित की गई और 45 से अधिक देशों में इसे इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी भी मिल गई है। इन देशों में ब्रिटेन और अमेरिका भी शामिल हैं।

साहिन ने आगे कहा कि करीब 6 सप्‍ताह की अवधि में ब्रिटेन में आए वायरस के नए स्‍ट्रेन के लिए भी वैक्‍सीन को एडजस्‍ट करने की संभावना है। उन्‍होंने टेक्‍नोलॉजी का हवाला दिया और कहा, ‘मैसेंजर टेक्‍नोलॉजी की सुंदरता यही है कि हम सीधे तौर पर वैक्‍सीन की इंजीनियरिंग शुरू कर सकते हैं जो पूरी तरह से इस नई म्‍यूटेशन की कॉपी बना सकता है। हम मात्र 6 सप्‍ताह में नई वैक्‍सीन उपलब्‍ध करा सकते हैं।’ साहिन ने कहा कि उन्‍हें इस बात का पूरा भरोसा है कि ब्रिटेन में आई कोविड-19 की नई स्‍ट्रेन वैक्‍सीन की क्षमता को प्रभावित नहीं करेगी।  ब्रिटेन में आई कोरोना वायरस की नई स्‍ट्रेन के कारण भारत समेत दुनिया भर के माथे पर पसीने की बूंदे उभर आई हैं। हालांकि अभी इस नए स्‍ट्रेन कर रिजल्‍ट सामने नहीं आया है।

ब्रिटेन में इस वायरस के इस नए वैरिएंट की जब से पहचान हुई है तब से देश में इस सप्‍ताह सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव मैट हैनकॉक  ने कहा कि दूसरा नया वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका के पर्यटकों से जुड़ा हुआ है और अब तक दो मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं। इसी सप्‍ताह उन्‍होंने कहा, ‘यह नया वैरिएंट अधिक खतरनाक है क्‍योंकि यह काफी संक्रामक है।’ 19 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Prime Minister Boris Johnson) ने कोविड-19 के नए स्‍ट्रेन का ऐलान किया था और बताया था कि पहले की तुलना में यह 70 फीसद अधिक संक्रामक यानि तेजी से फैलने वाला है। इसके कारण प्रधानमंत्री ने लंदन व इंग्‍लैंड के हिस्‍सों में प्रतिबंधों की शुरुआत कर दी है।


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