आदित्य बिरला की हेल्थ पॉलिसी लेने से बचे, केशलेस पॉलिसी के नाम पर कंपनी कर रही है धोखा

आदित्य बिरला की हेल्थ पॉलिसी लेने से बचे, केशलेस पॉलिसी के नाम पर कंपनी कर रही है धोखा
दिग्विजय की पॉलिसी का स्क्रीनशॉट

गाजियाबाद: (Aditya Birla Health Policy Fraud) हेल्थ पॉलिसी का चुनाव करते समय सावधान रहे। गलती से भी यदि गलत कंपनी का चुनाव कर लिया तो बाद में पछताने के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा। प्रीमियम के रूप में मोटा पैसा कंपनी ले लेगी और जरूरत पड़ने पर आपका फोन तक नहीं उठाएगी।

दरअसल, गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले एक व्यक्ति के साथ आदित्य बिरला हेल्थ इन्श्योरेन्स कंपनी ने इसी तरह से धोखाधड़ी की है। वसुंधरा निवासी दिग्विजय ने 3 जुलाई 2019 को आदित्य बिरला हेल्थ इन्श्योरेन्स कंपनी से हेल्थ पॉलिसी न. 13-19-0021193-00 खरीदी, जिसका प्रीमियम रुपये 15,580 एक वर्ष के लिए अदा किया। दिग्विजय के अनुसार यही पॉलिसी उन्होंने 3 जुलाई 2020 को अगले वर्ष भी रिनू करा ली। पहले वर्ष दिग्विजय ने पॉलिसी पर कोई क्लैम फाइल नहीं किया।

विगत 10 अप्रैल को दिग्विजय अचानक तेज बुखार से पीड़ित हो गए। दिग्विजय पास के अस्पताल प्रेम-धर्म में इलाज के लिए उसी दिन चले गए जहां पर डॉ तरुण गोयल को उन्होंने दिखाया। डॉ तरुण ने दिग्विजय को ऐड्मिट होने की सलाह दी। दिग्विजय अस्पताल में ऐड्मिट हो गए।

क्योंकि प्रेम धर्मं अस्पताल आदित्य बिरला के नेटवर्क अस्पतालों की सूची में आता है इसलिए दिग्विजय ने अस्पताल में अपनी केशलेस पॉलिसी के बारे बताते हुए केशलेस ईलाज करने की इच्छा जताई। अस्पताल प्रबंधन ने दिग्विजय का अनुरोध स्वीकार करते हुए कंपनी को उनकी बीमारी की जानकारी देते हुए क्लैम फ़ाइल कर दिया। मगर आश्चर्यजनक रूप से कंपनी ने अगले दो दिनों तक कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया। अस्पताल प्रबंधन ने जब दिग्विजय को इस बात की जानकारी दी तो उनके साथ आए तीमारदार ने आदित्य बिरला हेल्थ के कस्टमर केयर नंबरों पर संपर्क करने का प्रयास किया मगर वो पूरा दिन संपर्क करने में असमर्थ रहे। उधर अस्पताल प्रबंधन ने दिग्विजय को पैसे जमा करने को कहा। बीमा कंपनी से कोई रेस्पॉन्स नहीं आता देख दिग्विजय ने खुद से पैसे जमा करना उचित समझा।

14 अप्रैल को दिग्विजय ने अस्पताल के सभी बिल चुकता करते हुए अस्पताल से डिस्चार्ज ले लिया। दिग्विजय ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि केशलेस हेल्थ पॉलिसी लेते समय सही कंपनी का चुनाव करना बहुत आवश्यक है। कहा आदित्य बिरला की कोई भी हेल्थ पॉलिसी न खरीदे तो बेहतर होगा। (Aditya Birla Health Policy Fraud)

दिग्विजय ने अब भारतीय विनियामक और विकास प्राधिकरण में बीमा कंपनी की शिकायत करने का मन बनाया है साथ ही वे कन्सूमर कोर्ट में भी इस मामले को ले जाने पर विचार कर रहे है।

 


विडियों समाचार