लखनऊ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा है कि राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सम्मन भेज कर बुलाए जाने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा विपक्ष की आवाज को दबाना है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के किसी भी नेता ने मोदी सरकार को उस तरह से चुनौती नहीं दी है जैसी कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया।

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा तलब किए जाने के मुद्दे पर लखनऊ में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि ईडी, सीबीआइ वही करेगी जिससे केंद्र को फायदा होगा। केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय पर दबाव डालकर राहुल गांधी को सम्मन भेजवाया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विपक्ष का कोई नेता जब भी भाजपा के खिलाफ अपनी बात रखता है तो जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती रही है। पिछले 7-8 साल में ऐसी कोई जांच एजेंसी नहीं बची जिसका मोदी सरकार ने दुरुपयोग नहीं किया हो।

उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से संबंधित जो भी लेनदेन हुआ, वह सब सार्वजनिक है। कोई भी लेनदेन ऐसा नहीं हुआ जो कि कानून के दायरे के बाहर हो। राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देने के लिए तैयार हैं। सोमवार को जब राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर जाएंगे तो उनके साथ कांग्रेस के सांसद, विधायक कार्य समिति के सदस्य और अन्य वरिष्ठ नेता भी जाएंगे और सत्याग्रह करेंगे। यह सत्याग्रह शांतिपूर्ण लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ होगा। राहुल गांधी के साथ सभी सांसद और पदाधिकारी जवाब देंगे जाएंगे।

सचिन पायलट ने कहा कि मोदी सरकार बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कुपोषण जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने कहा कि असली अदालत देश की जनता की अदालत है। देश की 130 करोड़ जनता सब देख रही है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से हमारे तीनों उम्मीदवार जीते हैं। भाजपा ने अपनी संख्याबल से ज्यादा उम्मीदवार उतारे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली ये कांग्रेस के लिए संतोष की बात है।