संत रविदास की बाललीलाओं का किया बखान

संत रविदास की बाललीलाओं का किया बखान
  • सहारनपुर में सरसावा में कथाव्यास अरूण सांवरे महाराज का स्वागत करते आयोजक।

चिलकाना। कथाव्यास अरूण सांवरे महाराज ने गुरू रविदास की बाललीलाओं का सुंदर वर्णन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कस्बा सुलतानपुर चिलकाना मौहल्ला गढ़ी में चल रही श्री गुरू रविदास की अमृत कथा में कथाव्यास अरूण सांवरे महाराज ने गुरू रविदास की बाललीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि जब श्री गुरू रविदास का जन्म हुआ था तब उनकी दाई जिसे दिखाई नहीं देता था और जिसके शरीर पर कोढ़ टपक रहा था। गुरू रविदास के जन्म के समय जब वह उनके पैर पकड़ती है तो उसकी आंखें वापस आ जाती हैं और शरीर के सभी रोग दूर हो जाते हैं, तब वह खुशी-खुशी पिता राहू से कहती है कि तेरे घर भगवान का जन्म हुआ है। आज तीसरे दिन की कथा का शुभारम्भ मुख्य अतिथि विनय कश्यप व संजय ठेकेदार ने फीता काटकर किया तथा अजय और अमर जाती का परिवार यजमान रहा। संचालन आकाश काशी ने किया।

इस दौरान अनुपम जैन, अनूप जैन, प्रकाश, तोताराम, डा. राजेंद्र, पूर्व सभासद नरेंद्र, अमरजीत पटना, फकीर चंद, संजीव, दीपक, अभिलाष, रोहताश सैनी, आशु, आर्यन, अनित, ऋषभ, संगीता, शशिबाला, सुलेलता सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।