महिला व बालिकाओं को समुचित सम्मान दिलाने के लिए प्रशासन पूरी तरह कृत संकल्प: जिलाधिकारी
- हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने पीडि़त महिलाओं को दिलाया न्याय का भरोसा
सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि महिलाओं/बालिकाओं को समुचित सम्मान दिलाने के लिए प्रशासन पूरी तरह कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि महिलाओंध्बालिकाओं के उत्पीडऩ को रोकने के लिए हर थाने तथा कार्यालयों में महिला हैल्प डेस्क बनाई गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं/बालिकाओं को उत्पीडऩ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएंगा चाहे वह कितनी ऊंची पहुंच का ही क्यों न हो।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह आज यहां तहसील सदर सभागार में मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत “हक की बात जिलाधिकारी के साथ” कार्यक्रम में पीडि़त महिलाओं/ बालिकाओं की समस्या सुन रहे थे। उन्होने वन स्टाप सैन्टर को निर्देशित किया कि किसी भी मामले को ज्यादा दिनों तक अपने यंहा लंबित न रखें। उसे समय सीमा के अन्दर महिला थाना में दर्ज कराएं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं व बालिकाओ से सम्बधिंत उत्पीडऩ की शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाही सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
इस अवसर पर पीडि़त महिला भावना ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि उनके पति का संबंध किसी अन्य महिला से है जिस कारण से वह उनसे अलग रहते है। पति स्टार पेेपर मिल में नौकरी करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सास और बेटा मेरे साथ ही रहते हैं। हमें भरण पोषण की व्यवस्था करायी जाये। रजीना पत्नी मौहम्मद अनीस ने बताया कि उसकी व उसकी बहन शाहनूमा का विवाह 18 जून 2019 को देहरादून में हुआ था। विवाह के कुछ समय पश्चात ही उन्हे दजेह के लिए प्रताडित किया जाने लगा और उसकी बहन का पति उसे छोडकर सऊदी अरब चला गया। उत्तरकाशी (उत्तराखण्ड) की रहने वाली सविता ने बताया कि जनपद सहारनपुर के रहने वाले पंकज ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया है। शादी के लिए कहने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। पीडिता ने बताया कि पंकज पीएसी में है और मुरादाबाद पोस्टड है। पीडि़ता मनीषा शर्मा निवासी खानपुर, थाना रामपुर मनिहारान ने जिलाधिकारी को बताया कि उसे दहेज के लिये प्रताडित किया जा रहा है। पीडि़ता पिछले 05 माह से मायके में रह रही है। पीडि़ता ने जिलाधिकारी से भरण पोषण के लिए कार्रवाही की मांग की। जिलाधिकारी ने सभी पीडि़तों की बातों को ध्यान से सुना और सम्बघिंत को निर्देश दिए कि समयबद्ध पारदर्शी ढंग से शिकायतों का निस्तारण किया जाए।
उन्होंने कहा कि जो भी प्रकरण है सम्बधिंत को बुलाकर कार्रवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने महिला थाना इन्पेक्टर को निर्देश दिए कि पारिवारिक मामलों में महिला थाना में दर्ज कराकर सुलह समझौता कराया जाये। यदि सुलह समझौता के आधार पर मामला निस्तारित नही होता तो पीडि़ता को न्याय दिलाया जाऐ। यदि कोई समाधान नही होता तो वैधानिक कार्यवाही की जाये। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक अरूण कुमार दुबे, महिला सैल इन्चार्ज कल्पना त्यागी, एसआई महिला थाना मन्जू रानी तथा संबंधित विभाग के अधिकारी एवं पीडित महिलाएं/बालिकाएं उपस्थित रही।