हिंदू महासभा अध्यक्ष हत्याकांड: पुलिस व क्राइम ब्रांच की आठ टीमें कर रहीं जांच पर अभी भी आरोपी फरार
रणजीत की हत्या में पुलिस ने घायल आदित्य की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा के मुताबिक मूलरूप से गोरखपुर के चिल्लूपार के निवासी रणजीत का परिवार इसी जिले के गुलरिहा के पतरका टोला में रहता है। लखनऊ में रणजीत पत्नी कालिंदी के साथ ओसीआर बिल्डिंग के बी ब्लॉक में फ्लैट नंबर 604 में रहते थे। यह आवास 2013 में सपा सरकार ने कालिंदी की संस्था को आवंटित किया था।
शॉल ओढ़े पीछे से आए… रुकने को कहा और छीन लिए मोबाइल
पुलिस के मुताबिक रणजीत ओसीआर बिल्डिंग से निकलकर सुबह 6 बजे ग्लोब पार्क के पास पहुंचे थे। तभी पार्क के गेट पर पीछे से शॉल ओढ़े आए युवकों ने उन्हें रुकने को कहा और पिस्तौल निकाल दोनों के मोबाइल छीनने के बाद गोली मार दी।
लूट, रंजिश व लेनदेन समेत कई बिंदुओं पर पड़ताल
इस हत्याकांड में लूट, रंजिश, पारिवारिक विवाद, लेनदेन सहित कई बिंदुओं पर पड़ताल कर रही पुलिस ने रविवार शाम तक छह लोगों से पूछताछ की। गोरखपुर से एक संदिग्ध को भी उठाया।
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रणजीत हत्याकांड पर समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। सपा के ट्वटिर अकाउंट से लिखा गया है कि दिनदहाड़े हत्याकांड से आम जनमानस में दहशत है। उत्तर प्रदेश में पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है। निकम्मी सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए
लखनऊ में दिनदहाड़े हिन्दू महासभा के अध्यक्ष की हत्या से आम जनमानस में दहशत! उत्तर प्रदेश में सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है! निकम्मी सरकार तत्काल इस्तीफा दे।https://www.amarujala.com/lucknow/hindu-mahasabha-president-murder-in-lucknow …
लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या से सनसनी, हिन्दू महा सभा के यूपी अध्यक्ष रणजीत को मारी गोली
सूबे की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या से सनसनी मच गई है। हजरतगंज में हिन्दू महा सभा के अध्यक्ष रणजीत श्रीवास्तव
1.32 लाख किलोमीटर चलाई थी साइकिल, लिम्का बुक में दर्ज है नाम
रणजीत का असली नाम रणजीत श्रीवास्तव था। 2010 से रणजीत भारतेंदु नाट्य अकादमी के ग्रेडेड आर्टिस्ट रहे। 1.32 लाख किमी साइकिल चलाने के लिए लिम्का बुक ऑफ विश्व रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल किया गया। सपा सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा भी मिला। व्यक्तिगत कारणों से अखिल भारतीय हिंदू महासभा से अलग होकर उन्होंने विश्व हिंदू महासभा का गठन किया। वह भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
रणजीत ने की थीं तीन शादियां
पुलिस के अनुसार रणजीत ने तीन शादियां की थीं। पहली शादी कुशीनगर की कालिंदी शर्मा, दूसरी स्मृति तो तीसरी शादी लखनऊ में एक प्रशासनिक अधिकारी की बेटी निर्मला श्रीवास्तव से की थी। कुछ दिनों तक पहली पत्नी से नाता टूटा रहा, फिर दूसरी को छोड़ दिया। तीसरी शादी की जानकारी पर पहली व तीसरी से काफी विवाद हुआ। इसके बाद दोनों में सुलह हो गया।
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हत्या ऐसी जगह जहां सीसीटीवी कैमरे की नजर नहीं
विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत बच्चन की हत्या उस स्थान पर की गई जहां सीसीटीवी कैमरे की नजर नहीं जाती। ब्लैक स्पॉट पर हत्या से सवाल उठता है कि क्या ये महज इत्तफाक था या फिर बदमाशों को इसके बारे में बखूबी पता था। सवाल इसलिए उठ रहा है कि अमूमन रणजीत मॉर्निंग वॉक करने उस ओर नहीं जाते थे। कहीं उन्हें साजिश के तहत तो ग्लोब पार्क के पास तो नहीं ले जाया गया?
होटल क्लार्क अवध तिराहे से स्वास्थ्य भवन तिराहे की ओर जा रही रोड पर जहां हत्या की गई, वह जगह सीसीटीवी कैमरों की कवरेज से दूर होने की वजह से एक तरह से ब्लैक स्पॉट में आता है। होटल क्लार्क अवध तिराहे से स्वास्थ्य भवन तिराहे की ओर जा रही सड़क के डिवाइडर पर स्ट्रीट लाइट खंभे पर एक सीसीटीवी कैमरा लगा है, लेकिन उसका एंगल क्लार्क अवध की तरफ का इलाका कवर करता है। लेकिन डिवाइडर पर दूसरा कैमरा नहीं है।
स्वास्थ्य भवन तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस बूथ के सामने पोल पर ट्रैफिक लाइट्स तो लगी हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरा नहीं है। इसी रोड पर डिवाइडर पर लगे स्ट्रीट लाइट पर अगला कैमरा कमिश्नर दफ्तर के पास बने हनुमान मंदिर के सामने एक खंभे पर लगा है। हत्या वाली जगह से ये दूरी लगभग 200 मीटर के आसपास है।
रोज जाते थे दयानिधान… आखिर क्यों गए ग्लोब पार्क

पुलिस रणजीत और उनके घायल दोस्त आदित्य के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही है। ओसीआर बिल्डिंग से रणजीत रोजाना सुबह पांच बजे से 5.30 बजे के बीच मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते थे। वह बिल्डिंग से ही किसी न किसी को साथ ले जाया करते थे। ओसीआर से निकलकर विधानसभा रोड होते हुए भाजपा मुख्यालय वाले मोड़ से नगर निगम के सामने बने दयानिधान पार्क तक जाते थे। वहां टहलने व व्यायाम के बाद सामने स्थित शर्मा टी स्टॉल पर चाय पीते थे। बातचीत व विचार-विमर्श करते थे और सुबह आठ बजे तक घर लौट आते थे। घर पर एक अटेंडेंट काम के लिए आता था।
पत्नी मॉर्निंग वॉक से लौटीं!
ओसीआर बिल्डिंग में मौजूद लोगों ने यहां तक कहा कि रणजीत बच्चन की पत्नी कालिंदी शर्मा भी कभी कभार उनके साथ मॉर्निंग वॉक पर जाती थीं। रविवार को भी वह वॉक पर निकली थीं। चूंकि रणजीत काफी तेज चलते थे, इसलिए उनकी पत्नी रास्ते से ही वापस लौट आईं। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।
…और पुलिस की लापरवाही

पुलिस के मुताबिक घटना रविवार सुबह 6.00 बजे की है। पर, पुलिस सुबह आठ बजे ओसीआर पहुंची और पत्नी को वारदात की सूचना दी। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व एमएलसी श्याम नंदन सिंह भी मौके पर पहुंच गए।
ओसीआर के सीसीटीवी कैमरे भी सवालों के घेरे में
ओसीआर में दो ब्लॉक हैं। ए और बी। दोनों ब्लॉकों में 84-84 फ्लैट हैं। फ्लैटों की सुरक्षा के लिए बिल्डिंग में सीसीटीवी लगे हैं। कंट्रोल रूम भी बना है, लेकिन पड़ोसियों के मुताबिक कुछ सीसीटीवी खराब हो गए थे, जिन्हें बदलवाया नहीं गया।
.32 बोर के असलहे से की रणजीत की हत्या
लखनऊ। रणजीत बच्चन की हत्या में शामिल बदमाशों ने .32 बोर के असलहे का प्रयोग किया। पुलिस की ओर से जारी किए गए सीसीटीवी फुटेज में दो शूटर साफ दिख रहे हैं। एक शॉल ओढ़े था तो दूसरा मफलर से मुंह ढंके था। शूटरों के हत्या के तरीके से साफ लग रहा है कि वह शॉर्प शूटर हैं। किराए पर उनको हत्या की सुपारी दी गई है। पुलिस इन शूटरों की तलाश में जुटी है।
साजिश इसलिए भी : रेकी कर की गई हत्या…

रविवार को सुबह दो बदमाशों ने उनका हजरतगंज से पीछा शुरू किया। परिवर्तन चौक होते हुए क्लार्क अवध तक गए। जैसे ही वह सीडीआरआई की तरफ मुड़े मौका देखकर बदमाशों ने पहले उनके मोबाइल छीने इसकेबाद गोली मार दी। पुलिस रणजीत बच्चन व आदित्य के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवा रही है। ताकि उनके मोबाइल पर कॉल करने वाले संदिग्धों की शिनाख्त की जा सके।