‘इसलिए पीएम मोदी ने कहा…’, BJP विधायक ने नेहरू की जगह नेताजी को बताया देश का पहला प्रधानमंत्री, दी ये दलील

- बसनगौड़ पाटिल यतनाल ने बुधवार को हावेरी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जब देश के 4-5 हिस्सों में स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी। उनके पास अपनी मुद्रा झंडा और राष्ट्रगान था। यही वजह है पीएम मोदी कहते हैं कि नेहरू भारत के पहले पीएम नहीं थे बल्कि नेताजी थे।
हावेरी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर कर्नाटक के भाजपा विधायक बसनगौड़ पाटिल यतनाल ने एक बयान दिया है। इस बयान से सियासी बवाल खड़ा हो गया है।
भाजपा विधायक ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया क्योंकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उनमें डर पैदा कर दिया था। वहीं, भाजपा विधायक की मानें तो आजादी के बाद सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री थे।
भारत के पहले पीएम थे बोस: बसनगौड़ पाटिल यतनाल
बसनगौड़ पाटिल यतनाल ने बुधवार को हावेरी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कहा,”नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जब देश के 4-5 हिस्सों में स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी। उनके पास अपनी मुद्रा, झंडा और राष्ट्रगान था। यही वजह है पीएम मोदी कहते हैं कि नेहरू भारत के पहले पीएम नहीं थे, बल्कि नेताजी थे।
आखिर नेता जी के परपोते ने क्यों छोड़ा था बीजेपी का दामन?
बता दें कि कुछ दिनों पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे अपने त्यागपत्र में बोस ने लिखा कि अब पार्टी में रहना मेरे लिए असंभव हो गया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके उत्साही प्रयासों के बावजूद उन्हें बोस भाइयों- सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए भाजपा से केंद्रीय या राज्य स्तर पर कोई समर्थन नहीं मिला, जिसका वादा किया गया था।
नेता जी के भाई ने उठाई थी अखंड बंगाल की मांग: सुगत बोस
चंद्र बोस साल 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। टीएमसी के पूर्व सांसद और इतिहासकार सुगत बोस ने कहा था कि उनके दादा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत बोस ने अखंड भारत में अखंड बंगाल की मांग उठाई थी।