नई दिल्ली।  शिवसेना की दावेदारी को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे आमने-सामने हैं। शिंदे कैंप का कहना है कि वे वास्तविक शिवसेना पार्टी के हकदार है जबकि ठाकरे इसे पूरी तरह गलत बता रहे हैं। ठाकरे ने शिंदे के इस दावेदारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसपर 1 अगस्त को सुनवाई होनी है।

चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अपील की थी कि वे उद्धव ठाकरे की गुट की ओर से पक्ष पेश करें।

याचिका में ठाकरे ने की है ये मांग-

उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना कैंप की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 1 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से चुनाव आयोग के समक्ष वास्तविक शिवसेना होने के दावे को लेकर की जा रही सुनवाई पर रोक लगाई जाए।

दोनों गुटों को चुनाव आयोग का नोटिस

चुनाव आयोग ने दोनों ही गुटों को नोटिस भेज दिया है। 8 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी और पता लग जाएगा कि असली शिवसेना किसकी है। बताने की जरूरत नहीं कि बगावत करके एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) फिलहाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और खुद के गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं जबकि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस दावे को चुनौती दी है।

चुनाव आयोग के समक्ष  शिंदे गुट का दावा-

एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिवसेना का चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ उन्हें आवंटित करने की मांग की थी। इस पत्र में शिंदे गुट ने 55 में से 40 विधायकों और 19 लोकसभा सांसदों में से 12 के समर्थन का दावा किया था। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला दिया था।

शिवसेना सुप्रीमो और संस्थापक स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के बेटे और उद्धव ठाकरे के गुट ने भी आयोग को पत्र लिखा। अपनी इसमें सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री के खेमे ने अनुरोध किया था कि पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावों के लिए कोई भी फैसला लेने से पहले उसके विचार को सुना जाए।

शिंदे की बगावत के बाद गिर गई थी महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता एकनाथ शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की थी, जिसके बाद शिवसेना-कांग्रेस औऱ राष्ट्रवादी कांग्रेस की महाअघाड़ी सरकार गिर गई थी। 30 जून को बीजेपी के सहयोग से एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की शपथ लेते हैं और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस राज्य के उपमुख्यमंत्री बनते हैं।