जम्मू-कश्मीर में बड़ी तबाही मचा सकते थे आतंकी, हमने बचा लिया: डीजीपी सीआरपीएफ

जम्मू-कश्मीर में बड़ी तबाही मचा सकते थे आतंकी, हमने बचा लिया: डीजीपी सीआरपीएफ
  • आतंकियों से मिले असले की मारक क्षमता बड़े हमले की थी
  • बन टोल प्लाजा पर हमले के वक्त सिर्फ सीआरपीएफ थी हथियारबंद

नगरोटा में मारे गए आतंकी व्यापक बड़े हमले की साजिश के तहत जम्मू कश्मीर में घुसे थे। आतंकियों के पास जो सामान मिला है, उसकी मारक क्षमता काफी अधिक है। पुलवामा जैसे हमले की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन इस हमले को नाकाम कर दिया गया है। ये बड़ी राहत की बात है।

यही नहीं, नगरोटा में मारे गए पहले आतंकी को सीआरपीएफ ने ढेर किया। इसके बाद बचे दो आतंकियों को सीआरपीएफ ने पुलिस के सहयोग से मार गिराया। कुल मिलाकर इस पूरे आपरेशन को सीआरपीएफ ने लीड किया। इसकी जानकारी सीआरपीएफ के डीजीपी एपी माहेश्वरी ने शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में दी।

पुलवामा जैसे हमले का अंदेशा होने के सवाल पर बोले माहेश्वरी ने कहा कि अभी यह कहा नहीं जा सकता। सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन जिस तरह का असलहा आतंकियों से मिला है। उससे कुछ भी संभव है। वह कुछ बड़ा ही प्लान करके आए थे। यदि हम आतंकियों को नहीं मारते, तो वह वहां पर खून खराबा कर सकते थे। बहुत से सुरक्षाकर्मियों की जान जा सकती थी। लेकिन हमारी कोशिश थी कि जो आतंकी जिंदा पकड़ा जा सके, उसे जिंदा पकड़ो। जो मारा जाता है, उसे मार गिराओ।

आतंकी हमेशा ही हमले के लिए रणनीति बदलते हैं। लेकिन हमारे जवान हर रणनीति से निपटने में सक्षम हैं। पकड़े गए ओजी वर्करों से पूछताछ चल रही है। बहुत सी चीजें सामने आएंगी। हर तरीके से इसकी जांच की जाएगी। माहेश्वरी ने कहा कि आतंकियों को मारा जाना एक बड़ी कामयाबी है।

सीआरपीएफ ने तत्काल प्रभाव से रिस्पांस किया। जिसकी मदद से आतंकी मारे गए। वह सीआरपीएफ के इस प्रयास से काफी खुश हैं और उनका हौसला बढ़ाने के लिए पहुंचे हैं। सीआरपीएफ की टीम ने बहुत अच्छा काम किया है।

सीआरपीएफ की क्यूआरटी ने दिया पहला जवाब

पत्रकार वार्ता में मौजूद सीआरपीएफ के एडीजीपी जुल्फिकार ने बताया कि शुक्रवार सुबह सीआरपीएफ की क्यूआरटी बन टोल प्लाजा पर थी। यहां वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। जेके पुलिस के भी दो सिपाही थी। लेकिन हथियारबंद फोर्स सीआरपीएफ की थी। जैसे ही आतंकियों ने ट्रक के भीतर से फायरिंग की तो सीआरपीएफ की क्यूआरटी ने जवाब दिया।

सीआरपीएफ की तत्कालीन कार्रवाई से एक आतंकी मारा गया। इसी बीच बिजली बंद होने की वजह से दो आतंकी जंगल में भाग गए थे। इसके बाद सीआरपीएफ ने इन्हें मारने के लिए ऑपरेशन लांच किया। जिसमें जेके पुलिस ने भी उनका सहयोग किया। लेकिन इस आपरेशन को सीआरपीएफ ने लीड किया। जेके पुलिस ने इसमें हमारा सहयोग किया। अगर आतंकियों को उसी समय नहीं मारा जाता तो वह वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों का बड़ा नुकसान कर सकते थे।

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