राजस्थान में CM पद को लेकर तनातनी, MLA कालूराम मेघवाल बोले- वसुंधरा राजे ही बनेंगी मुख्यमंत्री

राजस्थान में CM पद को लेकर तनातनी, MLA कालूराम मेघवाल बोले- वसुंधरा राजे ही बनेंगी मुख्यमंत्री

नई दिल्ली: राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर से 9 दिन के लंबे इंतजार के बाद सस्पेंस खत्म हो जाएगा. आज सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा. राजधानी जयपुर में विधायक दल की बैठक हो रही है. बैठक में शामिल होने के लिए सभी विधायक जयपुर पहुंच गए हैं. तीनों पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तांवड़े भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंच चुके हैं. इधर राज्य में सीएम पद को लेकर तनातनी का माहौल है. वसुंधरा राजे के समर्थक बीजेपी दफ्तर के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं. राजे समर्थकों का की मांग है कि वसुंधरा राजे को सीएम बनाया जाए. समर्थक विधायक कालूराम मेघवाल ने दावा किया है. विधायक मेघवाल ने कहा कि वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री बनेंगी. पूरा राजस्थान वसुंधरा राजे के साथ है. उन्होंने पार्टी के लिए बहुत काम किया है. राजस्थान की जनता ने वसुंधरा राजे के नाम पर बीजेपी को वोट किया है. दूसरे समर्थक शंकर सिंह ने भी राजे को मुख्यमंत्री बनाने का दांवा किया है. वहीं, विधायक दल की बैठक से पहले बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि 115 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है.

वहीं, भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सरप्राइज के लिए तैयार रहिए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आपका आंकलन गलत निकला.  सरप्राइज के लिए तैयार रहिए, राजस्थान में भी चौंकाने वाला नाम होगा.

सभी विधायकों को बैठक में रहने के निर्देश
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को अनिवार्य रूप से विधायक दल की बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में सभी 115 विधायक जयपुर पहुंच रहे हैं. बता दें कि राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीट में से 199 सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था और तीन दिसंबर को नतीजे घोषित किए गए.  इसमें   भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है. बीजेपी 115 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस को 69 सीट मिलीं हैं.

वसुंधरा राजे ने सीएम बनने की इच्छा जताई
विधायक दल की बैठक से पहले वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रही हैं. दो बार सीएम रहीं वसुंधरा राजे ने इस बार भी सीएम बनने की इच्छा जताई है. इसको लेकर वे जयपुर से लेकर दिल्ली तक का दौरा कर चुकी हैं. चुनाव परिणाम आने के बाद वो जयपुर में बीजेपी के 60 से ज्यादा नए विधायकों से मुलाकात भी कर चुकी हैं. और इशारों इशारों में संकेत दे चुकी हैं कि उनके पास 60 से अधिक विधायकों का समर्थन है.

नए चेहरे पर दांव

लेकिन नए भारत की नई बीजेपी किसी प्रेशर में काम नहीं करती है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने तो ये साबित कर दिया है. बड़े-बड़े दिग्गजों को दरकिनार कर पार्टी आलाकमान ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है तो छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव के हाथों में बागडोर सौंपी है. ऐसे में वसुंधरा राजे के लिए राह आसान नहीं दिख रहा. हो सकता है कि राजस्थान में भी अप्रत्याशित फैसले आ जाए. पार्टी नए चेहरे को सामने ला दे जिसका अंदाजा किसी को ना हो.


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