‘पाकिस्तान को कहो- आतंकवाद का समर्थन बंद करे’, भारत की तुर्किए को दो टूक

भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किए को भारत ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि वो पाकिस्तान से कहे कि आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर दे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार (22 मई, 2025) को कहा कि भारत उम्मीद करता है कि तुर्किए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन बंद करने और आतंकवादी तंत्र के खिलाफ कार्रवाई करने का दृढ़तापूर्वक आग्रह करेगा.
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसकी ओर से पोषित आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह करेगा.” उन्होंने कहा, “संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं.”
‘किसी तीसरे देश की इमें जरूरत नहीं’
ट्रंप की टिप्पणी पर रणधीर जायसवाल कहा, “मैंने अपनी पिछली बातचीत में भी कह दिया था कि भारत पाकिस्तान के बीच केवल आपस में ही इस विषय में बात होगी. किसी तीसरे देश की इसमें जरुरत नहीं है. मगर बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चलने वाला. जम्मू कश्मीर के किसी भी मुद्दे पर हम किसी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं लेने वाले.”
‘पाकिस्तान को वापस करना होगा पीओके’
उन्होंने आगे कहा, “जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान की ओर से अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है. पाकिस्तान से केवल POK को खाली करने के मुद्दे पर बात होगी और उसको यह खाली करना होगा.” इसके साथ ही सिंधु जल संधि के निलंबित किए जाने को लेकर उन्होंने कहा, सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जबतक कि पाकिस्तान आतंकवाद को बंद नहीं कर देता. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता.
बीजिंग में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय बातचीत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने कुछ रिपोर्टें देखी हैं. इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं कहना है.”
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, “हमने एक प्रेस रिलीज जारी की थी. विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए कार्यवाहक विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया; उन्होंने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमति जताई. विदेश मंत्री ने झूठी और निराधार रिपोर्टों के जरिए भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हाल के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज करने का भी स्वागत किया.”