तेजस्वी ने ली CM नीतीश की चुटकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदलने से…

तेजस्वी ने ली CM नीतीश की चुटकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदलने से…
  • जेडीयू (JUD) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर चुटकी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदलना पार्टी के अंदर का मामला है.

पटना: जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर चुटकी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव  ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदलना पार्टी के अंदर का मामला है. जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया, जोकि पार्टी के संविधान में है ही नहीं. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदल रहा है. इससे कोई फायदा नहीं होगा. पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता का विश्वास खो चुकी है. अब नीतीश कुमार कुछ भी कर ले, लेकिन कुछ नहीं होने वाला है.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कैग की रिपोर्ट आ गई है और हमने इस पर गौर करने के लिए एक पार्टी कमेटी बनाई है. रिपोर्ट उन विसंगतियों को सामने लाती है जो सरकार ने की है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जहां सरकार को सभी सवालों का जवाब देना होगा.

आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार लोगों को अपने फैसलों से चौंका देते हैं. हो सकता है कि इस बार भी नीतीश का कोई फैसला आपको चौंका दे. सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश कुमार अपने ऊपर लग रहे कास्ट बेस्ड पॉलिटिक्स ( cast based politics) से परेशान हैं. इसलिए JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वह सारी अटकलों को दरकिनार करते हुए किसी ऐसे नाम को फाइनल कर सकते हैं, जो शायद आपने सोचा भी नहीं होगा. जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू के सीनियर लीडर राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है. राजीव रंजन जनता दल युनाइटेड के कद्दावर नेता हैं और बिहार सरकार में पूर्व जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं.

इस नेता के नाम पर लग सकती है मुहर

दरअसल, बिहार के सातवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार फिलहाल पार्टी के प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं. उनकी चिंता का सबसे बड़ा कारण बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू का तीसरे नंबर की पार्टी बनना है. क्योंकि 2010 में जेडीयू राज्य की पहले नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन इस एक दशक के दौरान पार्टी का प्रदर्शन काफी गिरा है. यही वजह है कि नीतीश संगठन को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं. नीतीश कुमार को इस बात की खबर है कि जेडीयू पर जाति आधारित राजनीति का आरोप पार्टी को कमजोर कर सकता है. ऐसे में वह पार्टी की कमान पूर्व मंत्री राजीव रंजन को सौंप कर विरोधियों की जुबान पर ताला जड़ सकते हैं और साथ ही बिहार की जनता क ो भी मैसेज दे सकते हैं.


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