सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने पर तहसीलदार न्यायालय ने लगाया 3 करोड 68 लाख का जुर्माना

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने पर तहसीलदार न्यायालय ने लगाया 3 करोड 68 लाख का जुर्माना
  • अवैध कब्जे करने वालो मे मचा हडकंप

नकुड इंद्रेश। तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय ने गंगोह मे करोडो रूपये की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर निजी स्कूल बनाने के मामले मे कडा आदेश पारित किया है। न्यायालय ने भूमि को सरकारी विद्यालय के लिये आरक्षित मानते हुए अवैध अतिक्रमणकारी पर तीन करोड अडसठ लाख रूपये का जुर्माना ठोका है।

सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण को हटाने का यह मामला स तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय मे विचाराधीन था। अपने आदेश मे न्यायालय ने माना कि अतिक्रमणकारी ईश्वरदयाल गोयल ने सरकार स्कूल के लिये छोडी गयी इस जमीन के राजस्व अभिलेखो में गलत प्रविष्टि करायी है। वर्ष 1973 मे इस राजस्व अभिलेखो मे ंकूट रचना कर उसे सरकारी स्कूल के लिये आरक्षित के बजाये निजी स्कूल के लिये सुरक्षित करा लिया गया। आरोप है कि ईश्वरदयाल गोयल ने इस जमीन पर निजी विद्यालय बना लिया।

न्यायालय मे राजस्व संिहता की धारा 67 के अंतर्गत भूमि पर बेदखली की कार्रवाई की गयी । न्यायालय मे सुनवाई के दौरान लेखपाल की रिर्पोट को सही माना गया। साथ ही कब्जे को अवैध माना गया। न्यायालय ने अपने आदेश मे अतिक्रमणकारी पर तीन करोड 68 लाख 36 हजार 800 रूपये का भारी जुर्माना ठोका है। यह राजस्व न्यायालयो मे यह जुर्माना अब तक का सबसे बडा जुर्माना माना जा रहा है। न्यायालय ने सरकारी भूमि से बेदखली के आदेश जारी कर दिये है।

हालांकि बचाव पक्ष ने आदेश के विरूद्ध अपील करने की बात कही है। पंरतु राजस्व न्यायालय के इस निर्णय से सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालो मे हडकंप मच गया है।


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