छात्र-छात्राओं को दी बेसिक लाईफ सपोर्ट की तकनीकी जानकारी

छात्र-छात्राओं को दी बेसिक लाईफ सपोर्ट की तकनीकी जानकारी
  • सहारनपुर में पाइनवुड स्कूल में छात्र-छात्राओं को बेसिक लाईट सपोर्ट का प्रशिक्षण देता वक्ता।

सहारनपुर। महानगर की प्रमुख शिक्षण संस्था पाइनवुड स्कूल में आर्थोपैडिक क्लब द्वारा बेसिक लाईफ सपोर्ट तकनीक कार्यशाला में उपयोगी जानकारी प्रदान की गई। दिल्ली रोड स्थित पाइनवुड स्कूल में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आर्थोपैडिक क्लब के डा. शशीकांत सैनी, डा. के. के. मक्कड़ व डा. गिरीश डंग ने कहा कि सड़क दुर्घटना होने पर मरीज को पहले सुरक्षित स्थान पर ले जायें, उसके बाद एबीसीडी नियम का पालन करें।

ए से एयर अर्थात घायल की साँस की नली को साफ करना है, नाक व मुँह में फसे हुए किसी पदार्थ या ढलड़ को निकालना है। यदि मरीज की जीब पीछे की और पलट गयी है या फँसी है तो हाथ की दो अंगुलियों से खींचकर आगे कर देना है, बी से ब्रीदिंग की जांच करनी है। उन्होंने कहा कि पीडि़त की साँस चल रही है या नहीं यह देखना है। सी से सर्कुलेशन यानि शरीर में श्देखना है। हाथ या पैर से खून बह रहा खून की नसों में संचार देख हो तो इसे कपड़े से बाँधकर या दवाकर खून के रिसाव को रोकता है।

डी से डिसेबिलिटी अर्थात घन पैर में फ्रैक्चर होने पर किसी सीधीवस्तु जैसे लकडी, कार्डबोर्ड, दफ्ती से सीधा कर के बाँध देना चाहिये। यदि दिल की धड़कन बंद है तो सी पी आर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) कैसे करता है यह भी बताया गया, इस प्रकार उन प्रतिशत दुर्घटनग्रस्त लोगों की जान बचायी जा सकती है, जिनकी मौत अस्पताल पहुँचने से पहले ही हो जाती है। पाईन वुड स्कूल के प्रिंसिपल डॉ संजीव जैन ने कहा कि बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रैनिंग हर आम नागरिक को देने तथा स्कूल के पाठ्यक्रम में जोडऩे की सिफारिश की।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और आर्थोपेडिक क्लब के सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने भी एक्सीडेंट में घयाल लोगों की जान बचाने का संकल्प लिया। इस मौके पर स्कूल स्टाफ व छात्र छात्राएं उपस्थित रही।