काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को अब लगभग डेढ़ महीने का समय बीत चुका है। वहां अब तक काबुल एयरपोर्ट पर कमर्शियल फ्लाइट का संालन पूरी तरह से शुरू नहीं पाय़ा है। इस बीच, तालिबान की ओर से भारत सरकार को एक पत्र लिखा गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान के इस्लामिक अमीरात ने काबुल) के लिए कमर्शियल उड़ानें फिर से शुरू करने के लिए डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को पत्र लिखा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) फिलहाल तालिबान के इस पत्र की समीक्षा कर रहा है।
यह खत 7 सितंबर को अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के कार्यवाहक मंत्री हमीदुल्लाह अखुनजादा ने भारत के नागरिक उड्डयन (DGCA) के महानिदेशक अरुण कुमार को लिखा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) इस खत पर विचार कर रहा है
अखुनजादा ने डीजीसीए को लिखा, “जैसा आप अच्छी तरह से जानते हैं कि काबुल एयरपोर्ट को अमेरिकी फोर्सेस ने नुकसान पहुंचाया था और उसे निष्क्रिय कर दिया था। लेकिन हमारे दोस्त कतर के टेक्निकल सपोर्ट से इस एयरपोर्ट को एक बार फिर चालू कर दिया है। इस संबंध में एक NOTAM (एयरमैन को नोटिस) 6 सितंबर, 2021 को जारी किया गया था।”
भारत ने नहीं दी है तालिबान को मान्यता
भारत ने तालिबान की अंतरिम सरकार को अभी तक मान्यता नहीं दी है। हालांकि दोहा में कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल और तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानकजई मुलाकात कर चुके हैं। अमेरिकी फोर्सेस के जाने के बाद तालिबान ने 30 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। भारत से काबुल के लिए आखिरी फ्लाइट 21 अगस्त को नागरिकों को निकालने के लिए गई थी। एयर इंडिया की फ्लाइट ने पहले दुशांबे और फिर नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी।
पाकिस्तान ने सबसे पहले लैंड किया था अपना विमान
इससे पहले अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के लगभग एक महीने बाद पहली बार पहली अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल फ्लाइट काबुल एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान मुट्ठी भर यात्रियों को लेकर काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद थीं।