जलन में ताई ने मार दी बच्ची, हाथ-पैर और मुंह बांधा… बोरे में बंद कर कुएं में फेंका शव

हाथरस। सिकंदराराऊ के गांव मऊ में बुधवार को रिश्तों का कत्ल हुआ। यहां ताई ने छह वर्ष की मासूम भतीजी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हाथ-पैर और मुंह बांध शव बोरे में बंद कर सूखे कुएं में फेंक दिया।
बच्ची के परिवार से ताई के परिवार की करीब 12 वर्ष से बाेलचाल बंद है। बच्ची के पिता ने बेटा होने पर दो दिन पूर्व धार्मिक अनुष्ठान कराया था। इसी जलन में महिला ने बच्ची की गला घोंटकर हत्या की है। पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया है।
यह है पूरा मामला
गांव मऊ निवासी श्रीकृष्ण उर्फ़ स्वामी की पत्नी के चार बेटियों के बाद कुछ दिन पूर्व बेटा हुआ था। श्रीकृष्ण ने दो दिन पूर्व जाहरवीर बाबा की ज्योति और भंडारे का आयोजन किया गया था। इसमें रिश्तेदार भी शामिल हुए।
बुधवार की सुबह रिश्तेदार विदा हो रहे थे। चलते समय वह बच्चों को पैसे दे रहे थे। श्रीकृष्ण की सबसे छोटी बेटी छह वर्षीय अनन्या वहां पर नहीं थी। बच्ची पास में ही खेलने गई थी। बच्ची के नहीं मिलने पर स्वजन तलाश करने लगे।
काफी देर तक उसका कोई अता-पता नहीं चला। आस पड़ोस के लोग भी बच्ची की तलाश में जुट गए। तभी उनकी नजर घर से दूर खेतों को जाने वाले रास्ते के सूखे कुएं में पड़ी। वहां एक बोरी पड़ी हुई थी।
करीब नौ फीट गहरे कुएं से बोरी को बाहर निकाला गया। इसमें अनन्या का शव देख खुशी के मौके पर घर में चीखपुकार मच गई। उसके हाथ-पैर और मुंह बंधे कपड़े से बंधा हुआ था। आंखें और जीभ देख गला घोंटकर हत्या करना प्रतीत हो रहा है।
पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह व क्षेत्राधिकारी जेएन अस्थाना समेत अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। स्वजन से जानकारी की।
बच्ची के पिता श्रीकृष्ण ने पुलिस को तहरीर दी। इसमें कहा है कि उसकी बड़े भाई विजयपाल के परिवार से 12 वर्षों से बोलचाल नहीं है। विजयपाल की पत्नी सोमवती उनसे जलन मानती है। पिता ने ताई पर ही हत्या का शक जताया।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर सोमवती के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बच्ची के पिता की तहरीर के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। उसके हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बच्ची का शव बोरे में बंद था। गला घोंटकर हत्या प्रतीत हाे रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
-विजय सिंह, एसएचओ हाथरस
