स्वामी विवेकानंद ने सदा देश के गौरव स्वाभिमान को प्राथमिकता दी: राव मुशर्रफ

स्वामी विवेकानंद ने सदा देश के गौरव स्वाभिमान को प्राथमिकता दी: राव मुशर्रफ
  • राव मुशर्रफ अली।

देवबंद [24CN]:  मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक राव मुशर्रफ अली ने कहा कि, राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य मानने वाले स्वामी विवेकानंद ने सदैव देश के गौरव और स्वाभिमान को प्रथामिकता दी ।, वह सदा भारत के युवाओं के बीच भारत भूमि में जन्म लेने के गौरव का आह्वान करते रहे , यही कारण है की उनकी जन्म दिवस ,12 जनवरी , को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

राव मुशर्रफ ने कहा कि स्वामी जी कहते थे तुम बस विचारों की बाढ़ ला दो, बाकी प्रकृति स्वयं संभाल लेगी, स्वामी विवेकानंद के इस मंत्र में पूरी दुनिया को सनातन शक्ति, धर्म अध्यात्म और उन विचारों से ओतप्रोत समाज की ओर आकृष्ट किया, पाशचात्य की भौतिक चमक दमक पर बहुत भारी रहा है। यहां का जीवन दर्शन फिर भला वह परतंत्र कैसे रह सकता था, जिस दर्शन ने अमेरिका और यूरोप से लेकर पूरी दुनिया को प्रभावित कर दिया हो, एक तुच्छ ब्रितानी राज उसे कैसे जीत सकता था। अपने लोगों को बार-बार महान भारत के संस्कार, यहां के वेद, ऋचाओं, महापुरुषों और सतीत्व बल से भरी देश की नारियों के बारे में बताते बताते स्वामी विवेकानंद ने हर उस आत्मा को झकझोरने का प्रयास किया , जहां से चिंतन सूक्ष्म स्वरूप में निकलकर वैचारिक क्रांति के रास्ते लक्ष्य की ओर विराट गति से बढ़ता जाता है।

राव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कल थे, देश की पहचान तभी है जब वह राजनीतिक रूप से स्वतंत्र है, इस बात पर हमेशा उनका जोर रहा है, लेकिन वह इस बात के भी पक्षधर थे कि इसके  द्वार खोलने के लिए वह आत्मिक चेतना जरूरी है, जिसमें अपने पुरखों के प्रति गौरव और स्वाभिमान का रक्त शिराओं में दौड़ रहा हो, यही कारण है कि उन्होंने धर्म अध्यात्म के मार्ग से उस चेतना को जागृत करने का बीड़ा उठाया, जहां से हर समाजिक राजनीतिक बंधन की गांठें खोलनी शुरू होती है।राव मुशर्रफ ने कहा कि हम सभी को स्वामी विवेकानंद के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिये।