श्रद्धापूर्वक मनाया स्वामी तुरियानन्द महाराज का 53वां निर्वाण दिवस

- सहारनपुर में सद्धपीठ स्वामी तुरीयानन्द सत्संग सेवा आश्रम प्रवचन करते गद्दीनशीन श्रीश्री 1008 स्वामी विवेकानन्द गिरी महाराज।
सहारनपुर। स्वामी तुरीयानन्द महाराज का 53वां निर्वाण दिवस श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया। मण्डी समिति रोड कृष्णा नगर स्थित सिद्धपीठ स्वामी तुरीयानन्द सत्संग सेवा आश्रम में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर पं. दीपक अग्निहोत्री द्वारा प्रात: हवन यज्ञ किया गया। गद्दीनशीन श्रीश्री 1008 स्वामी विवेकानन्द गिरी महाराज ने विशाल संगत को आध्यात्मिक प्रगति के अनिवार्य तत्वों के विषय में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक मनुष्य का उसका अपना जीवन दर्शन होना चाहिए, उसके बिना प्रगति असंभव है। उन्होंने सम्यक संकल्प के विषय में विस्तार से बताया जिसका अर्थ दृढ आत्मविश्वास होता है, जिसे प्रत्येक साधक को अपने जीवन में उतारना ही होगा। श्री महाराज ने कहा कि कहा कि जब एक व्यक्ति जब जीवन के किसी भी क्षेत्र में अपने को व्यक्त करता है तो उसे अपने ऊपर नियमित व नियंत्रण रखना चाहिए। इसी को सम्यक वाक कहते हैं।
स्वामी विवेकानंद गिरी महाराज ने कहा कि मनुष्य को शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ मानसिक व आध्यात्मिक व्यायाम भी करना चाहिए। जब कोई कार्य शुरू किया जाता है तो उसे कुशलतापूर्वक और सुन्दर तरीके से उसका समापन भी करना चाहिए। किसी भी कार्य को अपूर्ण अवस्था में मत छोड़ो, कार्य का समापन हमेशा सुंदर होना चाहिए। श्री महाराज ने कहा कि परमात्म का स्मरण करना अपने इष्ट मंत्र का जाप करना सबसे बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जब हम कोई संगीत की उत्कृष्ट मनोरम सुुंदर लहरों को सुनते हैं तो हम उसमें खो जाते हैं, इसी प्रकार परमसत्ता परम पुरूष का ध्यान करते हो तब तुम्हारा मन उनमें खो जाता है यही सम्यक समाधि हुई कार्यक्रम के अंत में श्री महाराज ने श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वामी तुरीयानंद ट्रस्ट के प्रधान ओम प्रकाश अरोडा, उप प्रधान महिन्द्रपाल ढल्ल, महामंत्री प्रवीन वधावन, कोषाध्यक्ष अमित वत्ता, ज्वाईंट सेक्रेटरी सुभाष चंद मल्होत्रा, ट्रस्टी सुदर्शन बजाज आदि मौजूद रहे। विशाल भण्डारे का आयोजन कर प्रसाद वितरित किया गया।