स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- 304 सीट पर जीतने वाली सपा पीछे और 99 सीट जीतने वाली भाजपा कैसे हो गई आगे

- विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भी सपा नेता ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को कहा कि 304 सीट पर जीतने वाली सपा पीछे हो गई और 99 सीट पर जीतने वाली भाजपा कैसे आगे हो गई।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे दस मार्च को घोषित हो चुके हैं। जिसमें भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। एक ओर भाजपा नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में जुटी है वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा कि, 304 सीट पर जीतने वाली सपा पीछे हो गई और 99 सीट पर जीतने वाली भाजपा आगे हो गई।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर विधानसभा चुनाव में सपा को पोस्टल बैलट से मिली जीत का मुद्दा उठाया था। अब चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, बात भाजपा और सपा की नहीं है। बात है लोकतंत्र की। स्वाभाविक रूप से जो 2022 का विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें बैलेट पेपर वोटिंग में सपा 304 पर जीती जबकि भाजपा मात्र 99 पर लेकिन EVM की गिनती में भाजपा कैसे जीती ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
स्वामी प्रसाद इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने भाजपा पर तीखा वार करते हुए कहा, 304 सीट पर जीतने वाली सपा पीछे हो गई और 99 सीट पर जीतने वाली भाजपा आगे हो गई। इसका मतलब है कि कहीं ना कहीं कोई बड़ा खेल हुआ है। इसलिए इस पर जो भी मीडिया के लोग हैं या अन्य विद्युत समाज के लोग हैं उन्हें विश्लेषण करना चाहिए
अखिलेश यादव ने कहा था सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता : अखिलेश यादव ने कहा था कि विधानसभा चुनाव नतीजों से जाहिर है कि जनता के बड़े वर्ग का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। सत्ताधारी याद रखे, छल से बल नहीं मिलता है। पोस्टल बैलट में समाजवादी पार्टी-गठबंधन को 51.5 प्रतिशत वोट मिले हैं।
इस हिसाब से कुल 304 सीटों पर सपा गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। वैसे भी प्रदेश के मतदाताओं ने सपा की ढाई गुना सीटें बढ़ाकर अपना रुझान जता दिया है और भाजपा की सीटों का घटाव भविष्य का संकेत है। भाजपा के संरक्षण में अपराधी तत्व फिर सक्रिय हो उठे हैं।
मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में कानून व्यवस्था बिगड़ने लगी है। न कानून का डर है न पुलिस का खौफ। एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इसी तरह धान खरीद न होने से किसान बेहाल है। कई जगहों पर खरीद की अवधि समाप्त हो गई पर किसानों का धान नहीं खरीदा गया। समय पर किसानों को खाद भी नहीं मिली है।
विधान सभा चुनाव समाप्त होते ही भाजपा ने होली के त्योहार पर महंगाई का तोहफा देकर अपने मतदाताओं का कर्ज उतार दिया है। आटा, मैदा, तेल, घी समेत सब कुछ महंगा हो गया है। भाजपा की सच्चाई सबके सामने है। जनता ने अब आगे के लिए भी अपनी मंशा का संकेत दे दिया है। वर्ष 2024 में भाजपा को जनता करारा सबक सिखाएगी।