श्री महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का हुआ देहांत

- स्वामी ब्रहमानन्द जी
देवबंद [24CN] : श्री महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शुक्रवार को उन्हें धर्मानुसार महाकालेश्वर आश्रम में उनके कक्ष के सामने विधि विधान के साथ समाधि दी गई।
बिहार के मूल निवासी ब्रह्मानंद सरस्वती वर्ष1982 में देवबंद को अपना केंद्र बनाया था। गुरुवार देर रात गाजियाबाद के हिलिंग ट्री अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके पार्थिव देह को रात्रि डेढ बजे देवबंद स्थित आश्रम पर लाया गया। जहां शुक्रवार को विधि-विधान के साथ स्वामी ब्रहमानंद सरस्वती को उन्हीं के आश्रम में समाधि दी गई। अंतराष्ट्रीय ध्यानगुरू स्वामी दीपांकर महाराज ने बताया कि स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री और विश्वू हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के साथ कई वर्षों तक रामजन्मभूमि आंदोलन में भागेदारी की।
स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती झारखंड प्रांत के जिला दुमका में बातुकीनाथ तीर्थ के तारापीठ के मठाधीश स्वामी अच्युतानंद सरस्वती के शिष्य थे। स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे, प्रचारक रहे। उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक रहे प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया और भाजपा की शीर्ष नेताओं में शामिल रही ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया और विश्व हिंदू परिषद के शीर्षस्थ नेता अशोक सिंघल, प्रवीन भाई तोगडिया के साथ करीबी संबंध रहे हैं।
उनके निधन पर स्वामी दीपांकर महाराज, स्वामी शांतनु महाराज, मोहन मित्तल, यति नरसिंहानंद सरस्वती, हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश त्यागी, विनोदानंद, स्वामी प्रेमानंद सरस्वती, रोहित कौशिक, अभिषेक त्यागी, सुरेंद्र सिंघल, आचार्य वासुदेव शास्त्री, मनोज सिंघल एडवोकेट, शुभम वत्स, योगाचार्य डा0 वरूणवीर आदि ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित की।