मनुष्य के हाथ दान करने व ईश्वर की पूजा करने के लिये है- स्वामी ब्रहमानंद महाराज
नकुड 1 दिसंबर इंद्रेश। मनुष्य के हाथ दान करने , ईश्वर की पूजा करने व अच्छाई करने के लिये है। मानव योनि मनुष्य की मुक्ति के लिये है। इसे व्यर्थ नंही गवांना चाहिए।
रणदेवी के रामदूत कालेज मे चल रही भगवत कथा के चैथे दिन कथा के आचार्य स्वामी ब्रहमानंद सरस्वती जी महाराज ने भक्त पृहलाद की कथा का विस्तार से वर्णन किया । उन्होंने कहा कि भक्त पृहलाद को बचाने लिये भगवान ने नरसिंहअवतार लिया। इसी बहाने उन्होंने हिरण्यकश्यप का उद्धार भी किया। गज ग्राह की कथा का वर्णन करते हुए आचार्य ब्रहमानंद जी महाराज ने कहा कि वास्तव मे गज के माध्यम से भगवान ने ग्राह का उद्धार किया है। भगवान भक्त से पहले उसके सेवक का उद्धार करते है। इसलिये गृहस्थ को अपने उद्धार के लिये किसी संत का सहारा लेना चाहिए। जैसे गज के बहाने भगवान ने ग्राह का उद्धार किया इसी तरह वे संत के माध्यम से गृहस्थ का उद्धार कर देते है।
आचार्य ब्रहमानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मनुुष्य को प्रभु भंक्ति मे लगना चाहिए। कुछ व्यक्ति कह सकते है ईश्वर दिखायी नंही देता । पंरतु भक्ति व भाव का अंजन लगाकर इन्ही आखो से ईश्वर को देखा जा सकता है। हवा को देखा नही जा सकता पंरतु उसे महसूस किया जा सकता है। मनुष्य की कई अवस्थाओ का भीे देखा नंही जा सकता । परतु अनुभव किया जा सकता है।
इस अवसर विद्यालय परिसर मे ही सौ कुंडीय श्री सूर्य पंचायतन महायज्ञ भी चल रहा है। बडी संख्या मे श्रद्धालु यज्ञ व भगवद कथा का रस्सावदन कर रहे है। यज्ञशाला की परिक्रमा करके अपने आपको धन्य बना रहे है । इस मौके पर यज्ञ व कथा के आयोजक ब्लाक प्रमुख सुभाष चौधरी, चै0 हरिपालसिंह, भाजपा के जिला महामंत्री राधेश्याम शर्मा , भाजपा के पूर्व देहात मंडल अध्यक्ष सुभाष चौधरी, मयंक चौधरी, संजीव चौधरी, एनपी राठौर , सचिन गुप्ता मुकुल चौधरी, संदीप धीमान के अलावा बडी संख्या मे महिला श्रद्धालु भी उपस्थित रहे।
