बागपत लोकसभा सीट पर खत्म हुआ सस्पेंस, सपा ने मनोज चौधरी को मैदान में उतारकर खेला जाट कार्ड
बागपत। लोकसभा क्षेत्र बागपत में सपा के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मनोज चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर जाट कार्ड खेला है।
सपा हाईकमान ने एक माह पहले बागपत के ककड़ीपुर निवासी मनोज चौधरी को लोकसभा क्षेत्र बागपत का प्रभारी नियुक्त किया थे। उसके बाद न केवल आम जनता, बल्कि दूसरे दलों के नेता तथा कार्यकर्ता भी सपा प्रमुख से यह जानने के लिए बेहद आतुर थे कि सपा किसे उम्मीदवार बनाती है? एक माह से सपा के पत्ते नहीं खुलने से दूसरे दलों में भी गजब की बेचैनी थी।
सपा ने उम्मीदवार को लेकर खत्म किया सस्पेंस
सपा के कई नेता और कार्यकर्ता यह दावा करते नहीं थकते थे कि बागपत सीट से किसी ब्राह्मण या गुर्जर को ही प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारेंगे। पूर्व विधायक गुड्डू पंडित, पूर्व विधायक अमर पाल शर्मा तथा मुखिया गुर्जर और सरधना विधायक अतुल प्रधान के नाम की भी चर्चा खूब रही लेकिन बुधवार को सपा उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस पूरी तरह खत्म हो गया।
सपा ने बागपत से मनोज चौधरी को बागपत से लोकसभा क्षेत्र बागपत से उम्मीदवार घोषित किया। माना जा रहा है कि सपा हाईकमान ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर जाटों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास किया है। वहीं मनोज चौधरी ने कहा कि वह सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जनता के सहयोग से मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव लड़ने के पुराने खिलाड़ी हैं मनोज
बागपत के ककड़ीपुर गांव निवासी मनोज चौधरी महर्षि दयायनंद विश्वविद्यालय रोहतक से स्नातक हैं। वे 1998 में सपा से जुडे तथा दो बार बागपत के सपा के जिलाध्यक्ष रहे। सपा के सिंबल पर 2012 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2017 में भी छपरौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडकर तृतीय स्थान पर हैं। अब प्रत्याशी घोषित करने से पहले उन्हें सपा प्रभारी बनाए गए थे लेकिन बुधवार को प्रत्याशी घोषित कर दिए गए।
बागपत में साफ हो गई तस्वीर
बागपत लोकसभा क्षेत्र में सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। करीब एक माह पहले ही एनडीए का हिस्सा बने रालोद मुखिया जयंत चौधरी डॉ. राजकुमार सांगवान को बागपत से उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। बसपा सुप्रीमों ने चंद राेज पहले ही प्रवीण बंसल को उम्मीदवार बनाया है। सपा के मनोज चौधरी भी मैदान में आ गए हैं। सपा का कांग्रेस से गठबंधन है। तीनों उम्मीदवारों के सामने अब जीत दर्ज कराने का बड़ी चुनौती है।
दस साल बाद सपा मैदान में
सपा बागपत में लोकसभा का चुनाव दस साल बाद लड़ेगी। इससे पहले सपा ने वर्ष 2014 ने गुलाम मोहम्मद वर्तमान में सिवालखास से रालोद विधायक को चुनाव लड़या था। तब रालोद के स्व. चौधरी अजित सिंह को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। दूसरे स्थान पर सपा रही थी और जीत भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह को मिली थी। वर्ष 2019 में रालोद से गठबंधन होने से सपा ने बागपत सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था।