महाराष्ट्र: कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस बरकरार, सीएम शिंदे ने​ किया ये ऐलान

महाराष्ट्र: कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस बरकरार, सीएम शिंदे ने​ किया ये ऐलान
  • महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुए करीब एक माह बीत चुके हैं. मगर अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है. एकनाथ शिंदे ने 30 जून को शपथ ली थी.

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुए करीब एक माह बीत चुके हैं. मगर अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने 30 जून को शपथ ली थी. इसके बाद से यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि मंत्रीमंडल का विस्तार कब होगा. इसे लेकर हर तरफ बेसब्री से इंतजार हो रहा है. इस बीच खुद सीएम शिंदे ने ऐलान किया है कि तीन दिनों में कैबिनेट (Cabinet)  का विस्तार होना तय है. मीडिया से बीतचीत में शिंदे ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में देरी हुई है. मगर किसी भी इसको लेकर कोई विवाद अभी तक सामने नहीं आया है. बस अगले तीन दिनों में ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा.’

अब तक किसी तरह की कोई सहमति नहीं

वहीं दूसरी ओर मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर ऐसा दावा किया जा रहा है कि शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच इस बात को लेकर अब तक किसी तरह की कोई सहमति नहीं बनी है. अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि कैबिनेट विस्तार एक बार में या दो फेज में हो. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर दो अलग-अलग फेज में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो 19 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी. इसमें 12 भाजपा के होंगे, वहीं शिंदे खेमे के सात नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है. अगर एक फेज में विस्तार हुआ तो भाजपा के 26 सदस्यों को शामिल किया जा सकता है. वहीं शिंदे गुट के 14-15 नेताओं को मौका मिलेगा.

शिंदे का दिल्ली दौरा रद्द

इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार रात को दिल्ली रवाना होने के अपने कार्यक्रम को टाल दिया. इसके लिए कोई कारण नहीं बताया गया है. शिंदे के दिल्ली दौरे का ऐलान मंत्रिमंडल विस्तार के कयासों के बीच हुई थी. ऐसा कहा जा रहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर शिंदे जल्द कोई निर्णय ले सकते हैं.

अभी भी स्थिति में सुधार नहीं 

शिंदे के नेतृत्व में 30 जुलाई को महाराष्ट्र की नई सरकार ने शपथ ली थी. इस समय मात्र शिंदे और उप सीएम देवेंद्र फडणवीस ही राज्य मंत्रिमंडल के मेंबर हैं. दोनों ने शपथ उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद ली थी. गौरतलब है कि शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 39 विधायकों ने बगावत की थी. इसके बाद महा  विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार अल्पत में आ गई थी.