नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की एक दिन पहले पटना में हुई मुलाकात और केंद्र सरकार पर हमले पर भाजपा ने पलटवार किया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा कि नीतीश कुमार और केसीआर को पहले अपनी कुर्सी बचाने पर ध्यान देना चाहिए। ये दोनों नेता अपने-अपने राज्यों में जनता का विश्वास खो चुके हैं।

करें कुर्सी बचाने की कोशिश

सुशील मोदी ने कहा कि केसीआर और नीतीश कुमार ने मंच साझा किया था और केंद्र सरकार की नीतियों और महंगाई को लेकर कई आरोप लगाए थे। केसीआर ने भाजपा मुक्त भारत के लिए विपक्षी दलों से एकजुट होने का आह्वान भी किया था। भाजपा सांसद ने कहा, ‘केसीआर को 2023 में अपनी सीएम की कुर्सी बचाने का प्रयास करना चाहिए तब 2024 के बारे में सोचना चाहिए।’ दो उपचुनावों में उसे भाजपा से हार मिली है। हैदराबाद नगर पालिका चुनाव में भी उसकी सीटें कम हुई हैं।

जताई तेजस्वी यादव के सीएम बनने की आशंका

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री तो बन नहीं पाएंगे, मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी हाथ धो देंगे, क्योंकि राजद उनकी पार्टी जदयू को तोड़ देगा और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी केसीआर और नीतीश कुमार की मुलाकात पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केसीआर ‘पीएफआइ युक्त बिहार’, ‘आतंकवाद युक्त बिहार’ और ‘हिंदू मुक्त बिहार’ बनाने के लिए नीतीश को मंत्र देने आए थे।

बता दें कि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है और केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में सांप्रदायिक दंगों में उसकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी केसीआर और नीतीश कुमार की मुलाकात पर कहा कि विपक्षी गठबंधन के प्रायोजक ‘सुशासन बाबू का घूंघट’ और ‘कुशासन बाबू की झोली’ लेकर घूम रहे हैं।