वक़्फ़ कानून की विवादित धाराओं पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम राहत का जमीयत उलमा-ए-हिंद ने किया स्वागत

नई दिल्ली/ देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद वक़्फ़ कानून की तीन अहम विवादित धाराओं पर मिली अंतरिम राहत के फैसले का स्वागत करती है।
इस अंतरिम राहत ने हमारी उस उम्मीद को यक़ीन में बदल दिया है कि इंसाफ़ अभी ज़िंदा है। जमीयत उलमा-ए-हिंद इस काले कानून के ख़त्म होने तक अपनी क़ानूनी और लोकतांत्रिक जद्दोजहद जारी रखेगी।
यह नया वक़्फ़ कानून देश के उस संविधान पर सीधा हमला है जो नागरिकों और अल्पसंख्यकों को न केवल समान अधिकार देता है बल्कि उन्हें पूर्ण धार्मिक आज़ादी भी प्रदान करता है। यह क़ानून मुसलमानों की धार्मिक आज़ादी छीन लेने की संविधान-विरोधी एक ख़तरनाक साज़िश है।
इसलिए जमीयत उलमा-ए-हिंद ने वक़्फ़ कानून 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हमें यक़ीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस काले कानून को समाप्त करके हमें पूर्ण संवैधानिक न्याय देगा।
