नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वार्डो के परिसीमन के आधार पर दिल्ली नगर निगमों (एमसीडी) के चुनावों के स्थगन को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा। यह मामला जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था। जब केंद्र की ओर से इस आधार पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की गई कि सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं, तो पीठ ने कहा कि मामले पर सुनवाई गुरुवार को होगी। शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को याचिकाकर्ता को याचिका की एडवांस कापी केंद्रीय एजेंसी समेत प्रतिवादियों के वकीलों को देने की छूट दी थी। याचिका में आप ने केंद्र सरकार, राज्य चुनाव आयोग और विशेष अधिकारी के जरिये एमसीडी को पक्षकार बनाया है। पिछले हफ्ते आप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया था कि दिल्ली में तीन नगर निगम थे और उनका कार्यकाल इस साल मई के मध्य में खत्म हो गया था। उनका कहना था कि तीनों एमसीडी एकीकृत हो गए हैं और एकीकरण के बाद चुनाव नहीं टाले जा सकते।
परिसीमन निगम चुनाव को स्थगित करने के लिए एक वैध आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमणा, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आप के वकील की याचिका का संज्ञान लेते हुए कहा था कि कि तीनों नगर निगम का एकीकरण और फिर परिसीमन कवायद निगम चुनाव को स्थगित करने के लिए एक वैध आधार नहीं हो सकता है। बता दें इससे पहले दिल्ली के तीनों नगर निगमों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा इस साल मार्च में टाल दी गई थी और बाद में, केंद्र ने एमसीडी के एकीकरण के लिए एक विधेयक पेश किया था। दिल्ली में नगर निगम के वार्ड के परिसीमन की प्रक्रिया अभी भी जारी है।