कोरोना मरीजों के इलाज का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

कोरोना मरीजों के इलाज का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

 

  • अस्पतालों में कोरोना के इलाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है
  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को 20 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने को कहा है

नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। हर रोज नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। अब अस्पतालों में कोरोना के इलाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।

शीर्ष अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्‍य न्‍यायाधीश (Chief Justice of India) एसए बोबड़े (SA Bobde) ने कोरोना मरीजों और शवों के अनुचित प्रबंधन के आरोपों पर स्‍वत: संज्ञान लेते हुए मामले को न्यायमूर्ति अशोक भूषण (Justice Ashok Bhushan) की अध्‍यक्षता वाली पीठ को सुपुर्द किया। कुछ रिपोर्टों में कोरोना मरीजों की देखभाल में लापरवाही और अस्‍पताल में कोरोना मरीजों के शवों अनुचित प्रबंधन की बातें कही गई थीं जिस पर शीर्ष अदालत ने संज्ञान लिया है।
कोरोना: क्या दिल्ली को अब ‘हर्ड इम्युनिटी’ ही बचाएगी?दिल्ली में जिस तरह से कोरोनावायरस के नए मामलों की संख्या बढ़ रही है, इसने जनता के साथ-साथ दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। दिल्ली में अबतक करीब 33 हजार कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं और 984 लोगों की मौत हो चुकी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिया था दखल
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मरीजों के प्रॉपर इलाज और कोरोना से मरने वाले लोगों के मृत शरीर के अस्पताल में रख रखाव को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार में हो रही देरी पर आदेश जारी किए थे। हालांकि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की स्थिति में अभी भी कुछ बदलाव नहीं आया है।

20 पर्सेंट बेड करें रिजर्व
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को 20 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने के लिए कहा है। कोर्ट ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट करें, चाहे उनमें लक्षण हों या ना हों. अगर अस्पताल जरूरी समझता है तो कोई भी सर्जरी या दूसरी प्रक्रिया से पहले कोरोना टेस्ट कर ले, लेकिन अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों के इलाज से करोना के नाम पर इनकार नहीं कर सकते हैं।

भारत में कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी उछालदेश में कोरोनावायरस के मामले रोज नया रेकॉर्ड बना रहे हैं। देश में गुरुवार को कोरोनावायरस के एक दिन में सबसे ज्यादा 9,996 मामले सामने आएं हैं। साथ ही 357 लोगों की मौत भी हो गई।