सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान ले वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ शुरू की अदालत की अवमानना की कार्यवाही

सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान ले वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ शुरू की अदालत की अवमानना की कार्यवाही

 

  • मुश्किल में फंसे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया
  • सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर दोनों पर अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की
  • दोनों के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई बुधवार को होगी
  • सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड्स से दोनों के खिलाफ हुए ऐक्शन की जानकारी मिली

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ मंगलवार को अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने भूषण के साथ-साथ ट्विटर इंडिया के खिलाफ भी यही ऐक्शन लिया है। मामले की सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

न्यायपालिका के अपमान पर ऐक्शन

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐक्शन उनके न्यायपालिका के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट्स के मद्देनजर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी कल यानी बुधवार को प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, मंगलवार शाम 3.48 बजे भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ स्वतः संज्ञान से SMC(Crl)1/2020 नंबर का केस दर्ज किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की तीखी आलोचना कर रहे भूषण
प्रशांत भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। वो कोविड-19 महामारी में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ काफी मुखर रहे और उनकी तीखी आलोचना करते रहे। 27 जून के एक ट्वीट में प्रशांत भूषण ने लिखा, ‘जब भविष्य में इतिहासकार यह देखने के लिए पिछले 6 साल पर नजर डालेंगे कि कैसे आपातकाल की औपचारिक घोषणा के बिना भारत में लोकतंत्र को कुचल दिया गया है तो वो इस बर्बादी में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका का विशेष जिक्र करेंगे और खासकर पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका का।’

उन्होंने जेल में बंद भीमा कोरेगांव की घटना के आरोपियों वर्वरा राव और सुधा भारद्वाज के इलाज को लेकर भी कड़े बयान दिए। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रशांत भूषण के किस/किन ट्वीट/ट्विट्स को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के दायरे में रखा। रिकॉर्ड्स में भी इसकी जानकारी नहीं दी गई है कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई क्यों की है?

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