सुप्रीम कोर्ट हैरान…पाकिस्तान में बम धमाके, नेपाल में भूकंप पर अदालतों से गायब रहते थे वकील

पाकिस्तान के स्कूल में बम धमाके, नेपाल में भूकंप और कवि सम्मेलनों जैसे बेतुके आधार पर अदालतों से वकील नदारद रहा करते थे, यह जानकर आपको हैरानी होगी। मगर, यह हकीकत है। बीते 35 साल से उत्तराखंड के तीन जिलों के वकील यही आधार बताकर हर शनिवार को कार्यदिवस पर हड़ताल या छुट्टी पर चले जाते थे। सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में जब यह बात आई तो उसने इसे भद्दा मजाक करार देते हुए वकीलों की जमकर खिंचाई की।

दरअसल, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में तब आया, जब वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमबार शाह की पीठ ने सुनवाई के दौरान हैरानी जताते हुए कहा, यह देश में हर कहीं हो रहा है। यह एक बढ़िया उदाहरण है किसी मामले में स्वत: संज्ञान लेने का। आखिर कैसे बार एसोसिएशन कह सकता है कि वह हड़ताल जारी रखेंगे।

पीठ ने कहा, ऐसा लगता है पूरी व्यवस्था ढह गई है। हाईकोर्ट का आदेश न्यायोचित है। हम ऐसी चीजों को कभी बढ़ावा नहीं दे सकते हैं। हर कोई आंदोलन कर रहा है। आज हालात यह है कि देश के हर हिस्से में आंदोलन हो रहे हैं। हमें अब सख्त रुख अपनाना होगा। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया गया कि देहरादून के कई हिस्सों, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में हर शनिवार को कार्यदिवस के अवसर पर वकील हड़ताल कर देते थे या फिर कोर्ट का बहिष्कार करते थे। हाईकोर्ट ने भी इसे गैरकानूनी करार दिया था।